जब न्याय मन्दिर ही नही महफूज तो आमजन का क्या ? देवपाल राणा को कोर्ट रूम के बाहर ही गाेलियाें से भूना, हुई दर्दनाक मौत !

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रिपोर्टर.

रुड़की जेल में वर्ष 2014 में हुई गैंगवार के मुख्य आराेपी देवपाल राणा की साेमवार काे काेर्ट रूम के बाहर हत्या कर दी गई।
पुलिस इसे साेमवार दाेपहर के वक्त रुड़की जेल से कचहरी में पेशी पर लेकर आई थी !

इसी दाैरान स्वचलित हथियाराें से लैस तीन हमलावराें ने देवपाला राणा काे गाेलियाें से भून दिया !
घटना के वक्त कचहरी परिसर गाेलियाें की तड़तड़ाहट से गूंज उठा आैर यहां अफरा-तफरी मच गई।

आनन-फानन में पुलिस घायल देवपाल काे अस्पताल लेकर पहुंची जहां इसे मृत घाेषित कर दिया गया।
पुलिस ने तीनों हमलावराें काे गिरफ्तार कर लिया है।

इस जानलेवा हमले काे वर्ष 2014 में रुड़की जेल में चीनू पंडित आैर उसके साथियाें पर किए गए जानलेवा हमले से जाेड़कर देखा जा रहा है।
देवपाल राणा सहारनपुर का रहने वाला था।
इसका पैतृक गांव बड़गांव थाना क्षेत्र में बढ़ेड़ी मजमता है।
वर्तमान में देवपाल राणा का परिवार देवबंद कस्बे के शास्त्री चाैक पर रह रहा है।

उत्तराखंड के रुड़की जेल में बंद कुख्यात अपराधी राणा चीनू पंडित आैर इसके साथियाें पर वर्ष 2014 में हुए जान लेवा हमले के मुख्य आराेपी था।

देवपाल राणा काे उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फाेर्स टीम ने 14 फरवरी 2017 काे कुरुक्षेत्र जिले के शाहबाद से गिरफ्तार किया था।
इसके बाद से वह रुड़की जेल में बंद था। रुड़की जेल से पुलिस अभिरक्षा में साेमवार काे इस काे कचहरी में लाया गया था।

गैंगवार के बाद अपराध की दुनिया में फैला देवपाल राणा का नाम ।
जरायम की दुनिया में देवपाल राणा का नाम उत्तराखंड आैर उत्तर प्रदेश में वर्ष 2014 में उस समय सुर्खियाें में आया !

जब इसने कुख्यात अपराधी सुनील राठी के ईशारे पर अमित भूरा, सुशील चाैधरी, अजित मख्यिाली, विश्वास उर्फ विशु के साथ रुड़की जेल में बंद कुख्यात अपराधी विनीत शर्मा उर्फ चीनू पण्डित पर जानलेवा हमला करने की साजिश रची।

इस हमले में कुख्यात चीनू पण्डित बाल-बाल बच गया था लेकिन इसके तीन साथी मारे गये थे।
इस गैंगवार का मुकदमा रुड़की के थाना गंगनहर में दर्ज है।
देवपाल राणा इस मुकदमें का मुख्य आराेपी था।

आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि, बेहदम समय में जरायम की दुनिया में नाम कमाने वाला देवपाल राणा इस दलदल में कदम रखने से पहले उत्तराखंड पुलिस का सिपाही था।

बाद में देवपाल काे उत्तराखंड पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया था।
वर्ष 2002 में रखा जरायम की दुनिया में कदम ।
जरायम की दुनिया में पहली बार देवपाल राणा का वर्ष 2002 में सामने आया।

हरिद्वार जिले के थाना मंगलौर क्षेंत्र में हुई एक लूट के मामले में देवपाल राणा के खिलाफ रिपाेर्ट दर्ज की गई।
इसके बाद देवपाल राणा जरयाम की दुनिया में कूद पड़ा आैर एक के बाद एक इसने सीरियल वारदाताें काे अंजाम दिया।
जरायम की दुनिया में कदम रखते ही यह कुख्यात अपराधी संजीव जीवा के संपर्क में आया।

इसके बाद देवपाल राणा पर अवैध धनवसूली, लूट हत्या आैर अपहरण वह इनके प्रयासाें के मुकदमें दर्ज हुए।
पत्नी ले आई थी राजनीति में देवपाल राणा काे जरामय की दलदल वाली दुनिया से बाहर आने का एक माैका भी मिला।

देवपाल की पत्नी नानाैता ब्लाक से प्रमुख बनी ताे देवपाल राणा राजनीति में आ गया।
लेकिन आपराधिक इतिहास ने देवपाल का पीछा नहीं छाेड़ा ।
आैर राजनीति में कदम रखते ही विवादित सम्पत्तियों के धन बटवारे के विवादाें काे लेकर इसकी संजीव उर्फ जीवा से ठन गई।

इसके बाद देवपाल राणा काे अपनी जान का खतरा सताने लगा आैर फिर वह सुशील चैधरी उर्फ सुशील मीरकपुर के माध्यम से सुनील राठी के सम्पर्क में आ गया।

अगस्त 2014 को सुनील राठी के विरोधी विनीत शर्मा उर्फ चीनू पण्डित की रुड़की जेल के बाहर ही हत्या के प्रयास के मामले में देवपाल राणा का नाम सक्रिय भूमिका आया।
इसके बाद दिसम्बर 2014 में अमित भूरा पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया।

बताया जाता है कि, भूरा की फरारी में भी देवपाल राणा का हाथ रहा आैर बाद में इसने भूरा की छिपने में भी मदद की।

हरिद्वार से लेकर मुजफ्फरनगर तक दर्ज थे मुकदमे देवपाल राणा पर 16 से अधिक मुकदमें चल रहे थे।
इनमें छह मुकदमें हरिद्वार जिले में चल रहे थे।
पांच मुकदमें मुजफ्फरनगर में आैर पांच ही मुकदमें सहारनपुर में थे!

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