चाहे लाख करे कोशिशें कुत्ते की दुम कभी सीधी नही बल्कि टेढ़ी ही रहेगी ! किस नतीजे पर कार्यरत है दादर बिजली विभाग? जिसकी लगातार मनमानी व ज़्यादती के कारण प्रताड़ित है दो पत्रकारो का परिवार?
रिपोर्टर.
पिछले समय भी इस विषय को लेकर यह मुद्दा प्रकाशित किया जा चुका है मीडिया डिटेक्शन और कुछ दीगर मीडिया के माध्यम से।
लेकिन इस बारेमे आजतक उनकी समस्या का हल नही निकल सका।
जैसे कि किसी के लाख कोशिशों के बावजूद भी कुत्ते की दुम को सीधे होते कभी नही पाया गया है।
ऐसे जबरदस्ती भी उसे शायद सीधे करने की लाख कोशिशे करले तो भी मुश्किल है ।
ठीक उसी तरह ही मुंबई दादर बिजली विभाग द्वारा आज भी इस मुद्दे पर पर्दा डाला जा रहा है ।
बिजली बिल की अंधाधुंध मनमानी और लूटखसोट की हदें पार करते हुए दादर बिजली विभाग द्वारा उपभोक्ता ओके साथ बिजली दर में हर माह बेतहाशा बढोत्तरी तथा लूट खसौट चलने का मामला प्रकाश में आ रहा है।
बेहिसाब बिल चार्ज की प्रताड़ना के कारण बिजली उपभोक्ता खास कर पत्रकार शेख अब्दुल सलाम अली और उनके लड़के हबीबुर रहमान शेख कथित ही प्रताड़ित और अपने आपको ठगे से महसूस कर रहे है।
गौर तलब रहे कि पत्रकार शेख अब्दुल सलाम अली मुम्बई वर्ली स्थित के डॉक्टर एनी बेझन्ट रोड पूनम चेम्बर के पीछे बसे मार्कण्डेश्वर नगर जुग्गी इलाका, मकान नम्बर 130/D,तथा उनके लड़के हबीबुर रहमान शेख अब्दुल सलाम घर नम्बर 130/D/A पर स्थित बीते 25 साल से रहते है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पता चला है कि शेख के मकान के रेसिडेंटल बिजली मीटर ग्राहक नम्बर 545-485-012-7 इस तरह है तथा उनके लड़के के ग्राहक क्रमांक 545481 229 .229.1इस प्रकार है।
बताया जाता है कि दादर वडाला मुम्बई बिजली विभाग द्वारा बीते 7 साल से बिल में प्रति माह बे तहशा बढ़ोत्तरी और लूटखसोट कर उन्हें परेशान किया जा रहा है।
जिसकी वजह से दोनों बाप बेटो को बेहद ही परेशान होना पड़ रहा है।
सूत्रों के मुताबिक उनके रहते घर के रेसिडेंटल बिजली बिल शुरू शुरू में प्रति माह सिर्फ ₹ 150 से लेकर 500 तक आंके जा रहे थे ।
लेकिन इसके कुछ ही महीनों बाद से लेकर आज तक किसी एक सोंची समझी साजिश तथा छड़यंत्र के तहत मनमानी करते हुए दादर बिजली विभाग द्वारा 500 के बदले अब प्रति माह ₹. 3000.00 के ऊपर यानी 5 हज़ार 6 हज़ार से भी ज़्यादा बिल वसूल किये जा रहै है।
इस बारेमे उन्होंने उक्त कार्यालय में शिकायत भी की है और कईबार कार्यालय के चक्कर भी कांटे है।
फिर भी यह मामला जसकी तस चलता रहा है, इसे देख उनके परिवार में काफी आक्रोश है।
गौर तलब रहे कि दरअसल उक्त कार्यालय से कुछ कार्यरत जिम्मेदार कर्मचारी अनदेखी और लापरवाही कर पत्रकार शेख औऱ उनके लड़के पर प्रति माह मनमाना बेहिसाब बिल बढ़ चढ़के ठोंकते जा रहै है।
कभी कभार नाटकीय ढंग से एकादद महीने का सौ दो सौ रुपये कमि करवाकर बिल भेज देता है।ऐसे क्यो ? क्योंकि शेख परिवार खुद को कभी ठगा सा महसूस न समझे!
फिर उसके अगले महीने ही एकबा एक घी की दिखाकर तैल की बजाने का काम शुरू रहता है।
विगत 6 माह में उनके बिजली बिल में चढ़ाव उतार का खेल जारी रहा है।
पता चल चुका है कि दादर बिजली विभाग इस परिवार को जान बूझकर बलि का बकरा बनाने पर तुला है।
शायद यही वजह है कि दोनों बाप बेटे के मकान के बिजली बिल में हर माह ज़्यादती देखी जा रही है।
वह बताते है कि बीते कुछ साल पूर्व भी उनके बिजली बिल में यकायक ही मनमानी और बेहिसाब घफले बाजी और छड़यंत्र करते हुए बढ़ोत्तरी की गई थी।
जिस के कारण पहले तो प्रति माह 11,हज़ार, 18 हज़ार और फिर इसके उपरांत 25 हज़ार रुपये का बिल थोप कर जबरन वसूल भी किया जा चुका है?
इस घोटाले की कैफियत और इसके पीछे की कारस्तानी यहां के सरकारी बाबुओ को अच्छी तरह से पता है।
इस वर्ष 2018 में भी पिछले 6।महीने का हिसाब देखिये प्रति माह 1000 से स्टार्ट करते हुए कभी 1400,1700, , 2300 ,3600 जून माह 2018 का बिल ₹ 2930 .दे दिया गया है। और अब दोनों मकानों के बिल किराया लगभग 4 हज़ार तक पहुंचा दिया है।
जैसे पत्रकार शेख और उनके लड़के की यहां कोई बड़ी फेक्ट्री चल रही है क्या? जिस के बिजली बिल पिछले कुछ वर्षो से एकाएक बढोउत्तरी कर दिए जा रहे है। अब की बार 1200 से लेकर अक्टूबर 2018 चालू महीने का बिल ₹.1480.कर दिया गया है।
ठीक इसी तरह उनके लड़के के मकान का भी बिल किराया गत दो माह में 2000 से लेकर 2200 से और इस से भी बढ़ाकर अब ₹.2420 कर दिया गया है। इस मे कोई शक नही कि इस तरह हर माह ये बिल बढ़ोत्तरी की साजिशें तेज़ रफ़्तार पकड़ती जा रही है और मनमाना इज़ाफ़ा करने का खेल फिर एक बार शुरू हो चुका है।
हर माह कथित तौर से उनके साथ दादर बिजली विभाग द्वारा परेशान करने का प्रयास परत दर परत चल ही रहा है!
दोनों मकानों में जितना बिजली यूनिट इस्तेमाल नही होता है उस से कई ज़्यादा भारी मात्रा में ऊनपर बिजली बिल चार्ज क्यो थोपा जाता रहा है? ये एक सोची समझी साजिश और छड़यंत्र नही तो और क्या है?
वह बताते है कि हम जितना यूनिट बिजली इस्तेमाल करते है उस से कई अधिक मात्रा में हम पर दादर बिजली विभाग बिजली भरणा बिल थोपे जा रहा है और ये छड़यंत्र पिछले 7 साल से अनवरत चलता रहा है।
इस इलाके में कुछ कुछ अन्य बिजली उपभोक्ताओं के मकान की बिजली प्रति माह महज़ ₹ 150 . 200, 500 से ज़्यादा नही पाए जाते है जबकि कोई किसी के मकान में एसी इस्तेमाल हो ता है, इनके भी घर का बिजली किराया सिर्फ ₹200 या 500 तक ही सीमित रहा है।
इस इलाके मे किसी खास चोरों को शायद बिजली चोरी के परमिशन मील गए होंगे। जो दुसरो के मकान से बिजली के तार चोरी से जोड़ कर तथा मैंन केबिन से बिजली चोरी को अंजाम दीया जा रहा है। क्या बिजली विभाग दादर के कर्मचारियों को इस घटना की खबर नही है?
ऐसे लगता है कि इस कांड में भी बिजली कार्यालय के कुछ बाबू लोग भी शामिल होंगे। जो रिश्वत खाकर इस घटना पर अनदेखी किये जा रहे है ? और एक हम है जिसे जानबूझ कर बारम्बार परेशान किया जाता रहा है उस पर इन सरकारी बाबुओं की कोई गौरो फिक्र नही है?
जैसे ही हर महीने की 15 तारीख पार हो गई तो समझो कि दूसरे ही दिन उनके मोबाइल नंबर 9324021713 पर ऑनलाइन ,बेशुमार बिल का मेसेज धड़ाम से पहुंचा दिया जाता है!
ऐसे हालात में इधर दादर बिजली विभाग हमे बाप बेटे को लगातार हर माह बेवकूफ बनाते हुए प्रताड़ित करने पर आमादा है, ये कैसा इंसाफ है?
लिहाज़ा मीडिया डीटेक्शन न्यूज़ टीम के अनुसार पत्रकार शेख और उनके लड़के के साथ दादर बिजली विभाग द्वारा चल रहे घफलेबाज़ी के प्रकरण पर रोक लगाई जाए ।
ये भी लाज़मी है कि उनके मकान में जितना यूनिट इस्तेमाल किया जा रहा है सिर्फ उतना ही पर्याप्त बिल चार्ज करे।
अंधाधुंध बेहिसाब मनमाना बिल चार्ज नही करे, दादर वडाला बिजली विभाग, कुलाबा बिजलीआपूर्ति मंडल, सुपरिटेण्डेन्ट , विजीलेंन, राज्य के बिजली आपूर्ति मंत्री तथा मुख्यमंत्री से हमारी अपील है कि दोनों पीड़ित पत्रकारो की समस्या का तुरंत हल और समाधान निकाले तथा उन्हें राहत दे।