क्यो किये जा रहे गलतियो पर गलतियां मोदीजी?

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रिपोर्टर.

पिछली बार 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सम्मेलन में अंग्रेज़ी में भाषण देते हुए जहां मोदी ने कई ग़लतियां की थीं, वहीं मंगलवार को स्विट्ज़रलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने दावा किया कि 2014 के आम चुनाव में भारत के 600 करोड़ मतदाताओं ने बीजेपी को बहुमत दिया था!
हालांकि 2014 में भारत की कुल जनसंख्या क़रीब 1.25 अरब या 125 करोड़ थी!

इस प्रकार अगर विश्व भर को मतदाता भी बीजेपी के लिए वोट करते तो उनकी संख्या 600 करोड़ नहीं पहुंचती,?
इसलिए कि 2014 में विश्व की कुल जनसंख्या क़रीब 750 करोड़ थी।

भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की इस बड़ी ग़लती को लेकर सोशल मीडिया पर लोग ख़ूब चुटकियां ले रहे हैं और उनकी जाली डिग्रियों का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं!

2014 में मोदी जब पूर्ण बहुमत के साथ प्रधान मंत्री बने थे तो भारत के अधिकांश लोगों में एक उत्साह था कि मोदी देश के अलावा विदेशों में भी राष्ट्र का नाम और ऊंचा करेंगे !

लेकिन मोदी ने हद कर दी, अपने बयानों और नीतियों से न केवल देश की जनता को निराश किया है, बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मज़ाक़ का केन्द्र भी बन रहे हैं।

दावोस में 600 करोड़ मतदाताओं के अलावा अमाज़ोन, हैरी पोटर, ओसामा बिन लादेन और शंतरंज एवं कम्यूपर जैसे विषयों पर बात करके भी मोदी ने यह साबित कर दिया कि उन्हें जानकारी कितनी सीमित है?

राष्ट्र संघ महासभा में भाषण देते हुए मोदी ने भारत की जनसंख्या का ज़िक्र करते हुए कहा था कि भारत की जनसंख्या 1.25 अरब है, यानी डेसिमल के बाद उन्होंने डिजिट्स को 25 पढ़ा था, जबकि उन्हें कहना चाहिए था कि वन प्वाइंट टू फ़ाइव!

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