कोयला माफिया में मची हड़कंप अवैध कोयला उत्खनन के खिलाफ एसडीएम द्वारा ताबड़तोड़ कार्रवाई के निर्देश ,बंद हुआ कोयला चोरी का गोरख धंधा
दमुआ
विशेष संवाददाता
लगातार अवैध कोयला उत्खनन पर परासिया एसडीएम द्वारा ताबड़तोड़ कार्यवाही, बन्द हुआ कोलया चोरी का काम कोल माफियाओं की टूटी कमर
दमुआ ,जुन्नारदेव ,गुढी़ अंम्बाडा़:– कोयला व्यापार बंद होने से क्षेत्र के लोगों को मिली राहत। व्यापार तो अवैध था ,फिर भी व्यापार का बंद होना बिल्कुल आसान नहीं था। क्षेत्र में यह व्यापार पिछले 25 से 30 वर्षों से बेखौफ चल रहा था, व्यापार बंद होने में परासिया एस. डी.एम. पुष्पेंद्र निगम का अहम योगदान बताया जा रहा है,। इस बात के चलते एस.डी.एम. की जितनी प्रशंसा हो वह कम है।
बहरहाल इस अवैध कोयला व्यापार बंद होने से कुछ लोग भारी दुखी हैं।सनद रहे कि समूचा क्षेत्र कोयलांचल से संबंध रखता है, पिछले 60 से 70 वर्षों से उप क्षेत्र अंम्बाडा़ के अंम्बाडा़ कॉलरी से ले मोहन कॉलरी दोनों क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में भूमिगत से ले कोयले की ओपन कास्ट खदान चलती रही।इस अवैध व्यापार के जन्मदाता कोई है तो वह सिर्फ वह वे.को.लि. है,
गौर तलब हो कि खदान चालू एवं बंद करने की कुछ शर्तें है, जिसे वे.को.लि. पूरा नहीं करती है ,कम से कम ओपन कास्ट खदान चलने के बाद वह जब बंद करें तो पुराई कर इस स्थान पर वृक्षारोपण कर देना चाहिए जो वे.को.लि. नहीं करती। ओपन कास्ट खदानें बंद हुई एवं इसकी पुराई नहीं हुई, तो अनेकों स्थान पर कोयला ऊपर ही दिखता है, तत्व सैकड़ों मजदूर लगा कोयला निकालने लगते हैं।
उप क्षेत्र अंम्बाडा़ के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत अंम्बाडा़ से ले पालाचौरी नजरपुर एवं जमकुंडा क्षेत्र में अवैध ईट भट्टे तो चल ही रहे हैं वही उमरेठ एवं इसके आगे दूरस्थ ग्रामों में भी अवैध ईट भट्टे चलने लगे हैं। माफिया तत्व जो कोयला निकलते ईट भट्टे में पहुंचा देते जिससे ईट भट्टो एवं तत्व दोनों का काम चल तत्वों ने कोयला निकालने इस बार मोहरा खोल दिए हैं ,जहां से भले अधिकाधिक कोयला निकाला जा रहा था। परंतु यह जान को जोखिम में डालने की बात थी। अंदर गैस निकल जाए या चट्टान धसक जाय सैकड़ों लोग एक साथ असमायिक मौत को गले लगा लेते।
इस मामले को लेकर क्षेत्र के पत्रकारों ने पहले समाचार प्रकाशित किया। बाद में परासिया एस.डी.एम. पुष्पेंद्र निगम को इस से अवगत कराया जिसे उन्होंने गंभीरता से ले लिया एवं पुलिस वन एवं वे.को.लि. सभी को निर्देश दिए कि मोहरों का पुराव करें सो पुराव हो गया। एवं कोयले का व्यापार बंद हो गया।वैसे तो कोल माफिया ईट भट्टा वालों को भरोसा दे रहे हैं ,कि कोई कुछ कर ले एक सप्ताह में हम कोयला निकालने लगेंगे जो संभव नहीं। फिर भी ऐसा अगर हुआ तो परासिया एस.डी.एम. की जानकारी में है पुलिस सहित वन एवं वे.को.लि. अधिकारियों पर गाज गिर जाएगी। इस बात में पूरी सत्यता है।
संवाद;
मनोज डोंगरे – जिला ब्यूरो