कोयला चोर माफिया हो गए बेखौफ, एसडीएम के प्रयासों पर फेरा पानी माफियाओं के हौसले हुए बुलंद

दमुआ जुन्नारदेव
संवाददाता

कोयला चोर माफियाओं के हौशले बुलंद फिर से सुरु हुआ कोयला चोरी परासिया एस.डी.एम. के प्रयासों पर फेरा पानी एस.डी.एम. के निर्देश से बंद था।

दमुआ ,जुन्नारदेव, गुढी़ अंम्बाडा़:– क्षेत्र में फिर से कोयले का अवैध व्यापार जोरो शोर से शुरू हो गया है। जो पिछले 20 से 25 दिनों से बंद था स्थानीय अधिकारी हो या कोल माफिया दोनों ने परासिया एस.डी.एम. के प्रयासों पर पानी फेर दिया इस व्यापार सबसे अच्छी विशेषता है ,कि इस व्यापार को शुरू करने में कोई लागत नहीं लगती है।

सिर्फ जिन्हें यह व्यापार करना होता है वह जवाबदार अधिकारियों को सेट कर ले व्यापार शुरू हो जाता है। जिसमें अधिकारी एवं कोल माफिया दोनों की चांदी होती है। इस बात के चलते यह दोनों इस व्यापार से ज्यादा दूर नहीं रह सकते हैं।
सनद रहे कि जिले के पश्चिमी अंचल में स्थित क्षेत्र अंम्बाडा़ जो कोयलांचल (कोल नगरी) के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इस क्षेत्र में पिछले 70 से 75 वर्षों से नियमित कोयले की खदानें चलती रही है। इस समुचित क्षेत्र में 70 से 75 वर्षों से भूमिगत से ले कोयले की ओपन कास्ट खदानें चलती रही है,
वे .को.लि. का महज काम इतना जब तक कोयला निकालना है तो ठीक और जैसे ही खदान बंद होती उस स्थान की पूराई नहीं करती है।

वे. को.लि. खदान जब तक चलती ठीक है बंद हो जाने के बाद इस क्षेत्र को खुला छोड़ देते हैं उसमें कुछ स्थान ऐसे रहते हैं, जहां कोयला ऊपर ही दिखता है, फिर कोल माफिया अधिकारियों को सेट कर कोयला निकालने लगते हैं।वे को.लि. जब सुरंग खोद कोयला निकलती है तो वह मजबूती देते हुए आगे बढ़ती है किंतु कोल माफिया ऐसा नहीं करते हैं, उनका काम सिर्फ सुरंग को खोदना रहता है, मजबूती से कोई लेना देना होता नहीं है जिसमें डर इस बात का रहता है कि सुरंग चट्टान धसक जाय तो दर्जनों लोग असमायिक मौत के मुंह में समा जाएंगे।

पेंच कान्हान क्षेत्र में पूर्व में ऐसी घटनाएं घट चुकी है जिसमें दर्जनों लोग की जान चली गई इस बात को अधिकारी से ले कोल माफिया दोनों जानते हैं ,मात्र रुपया कमाने की लालशा में उन्हें तनिक भी भय नहीं रहता है‌। धांऊ क्षेत्र में निकाल रहे थे कोयला पिछले काफी समय से मोहन कालरी के धाऊ क्षेत्र में चार से पांच क़ोल माफिया सुरंग के अंदर क्षेत्र के मजदूरों को भेज कोयला निकाल रहे थे ,इस बात को समाचार पत्रों में प्रमुखता से छापा गया भला हो एस.डी.एम. परासिया का जिन्होंने ध्यान भी दिया एवं कड़े निर्देश के तहत पुलिस वन एवं वे .को.लि. की संयुक्त टीम ने अपने तीन से चार दिन बर्बाद कर सुरंग की पुराई भी कर दी किंतु क्या फायदा माफिया ने पुनः सुरंग साफ कर कोयला निकालने लगे हैं।

संवाद
मंनोज डोंगरे – जिला ब्यूरो

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