किस तरह का है स्कूलों को लेकर योगी सरकार का बहुत बड़ा फैसला?

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 रिपोर्टर.

निजी स्कूलों की मनमानी पर योगी सरकार के कड़े रूख के बाद अब शिक्षा विभाग भी हरकत में आ गया है।

उत्तर प्रदेश में लखनऊ जिले के स्कूल निरीक्षक ने निजी स्कूलों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।

लखनऊ जिले के स्कूल निरीक्षक उमेश त्रिपाठी ने कहा है कि अब निजी स्कूलों का मनमाना रवईया नहीं चलेगा!

अब मनमानी फीस वसूलने वालों स्कूलों के खिलाफ पैरेट्स FIR दर्ज करवा सकते है?

यही नहीं स्कूलों को फीस कम करने के लिए सरकार ने 15 दिन का समय दिया है।

स्कूलों को अपने तमाम अतिरिक्त चार्ज हटाने होंगे। यदि कोई अभिभावक स्कूल प्रशासन से पूछे तो स्कूल को यह बताना अनिवार्य है कि स्कूल में कितने बच्चे पढ़ते है, कितने शिक्षक हैं, शिक्षकों को कितना वेतन मिलता हैं?

बीते सोमवार को DIOS उमेश त्रिपाठी दो निजी स्कूलों में किताबों की दुकानों को सील कर दिया हैं।

स्कूलों में मनमानें दामों पर किताबों को बेचा जाता है।

निजी प्रकाशकों की किताबों जो स्कूल द्वारा तय दुकानों में ही मिलती है, उस पर रोक लगेगी।

अब केवल NCERT किताबें चलेगी। अब अभिभावक किताबें जहां से चाहे वहां से खरीद सकते है।

इसके साथ ही अब अभिभावक स्कूल फीस बढ़ाने की वजह जानने का पूरा अधिकार है।

इसके साथ ही अब एसी,बिल्डिंग और मैगजीन चार्ज अवैध होंगे, क्योंकि अगर स्कूल भवन बनाता है, एसी लगाता है तो यह उसकी निजी संपत्ति है।

कोई भी स्कूल सिर्फ मेंटेनेंस चार्ज ले सकता है।

वहीं शिक्षा विभाग के मुताबिक निजी विद्यालय का फीस तय करने का मानक तय होगा।

इससे शिक्षकों की सैलरी, स्कूलों का मेन्टेनेंस का जितना पैसा होगा उसे देखकर, स्कूल में बच्चों की संख्या देखकर स्कूल की फीस तय की जाएगी ?

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