काले नोट सफ़ेद करने के खेल में अब बैंक कर्मियों और दलालों भी कैसे क्या चांदी काट रहे है ?जाने ।
रिपोर्टर,
काला धन सफ़ेद करने के एवज में 1,लाख रुपयों के बदले दे रहे 60,हजार
देश के पीएम का काले धन पर काबू पाने का मौजुदा फार्मूला सही है या गलत इसका पता अच्छे या बुरे दिनों के आने के बाद ही चलेगा और ये लम्बी बहस का मुद्दा है!
जहाँ इस फ़ैसले को सुन लोग अपने अपने 1000,और 500,के नोट को बैंको में जमा कराने की गरज से चक्कर काट रहे है।
वही कुछ लोग अपने पेसो को छुट्टा करने भी बैंको पर आ रहे है।
जहाँ तक बात जमा कराने वालो की है तो घंटो लम्बी लाइनों में लगने के बाद उनका पैसा बैंक जमा तो कर रहे है पर पैसा निकालने वालो को बैंक के पास पैसा ना होने का रोज बहाना बना रहे है।
इसी क्रम में भारतीय स्टेट बैंक/ओरियन्टल बैंक/जिला सहकारी बैंक/पंजाब नैशनल बैंक/बैंक आफ़ बडौड़ा सहित कुछ और बैंको पर उपभोगताओ ने पैसा ना देने का आरोप लगाया है?
लोगो का कहना है क़ि नोट बंदी के दुसरे दिन तो बैंको ने पैसा दिया पर तब से लेकर आज तक पैसे ना होने का बहाना बैंक कर्मियों के जुमले में शुमार हो गया है!
इसी के चलते सूत्रों से मिली जानकारी पर अगर यकीन किया जाए तो पता चलता है क़ि बैंक कर्मियों द्वारा उपभोगताओ को पैसा ना देने के पीछे बैंक कर्मियों की दलालों से मिली भगत बड़ी वजह है ।
बैंक कर्मी व दलाल दोनों मिलकर जरूरत मंद उपभोगताओ के हिस्से की धनराशि का अवैध रूप से इस्तेमाल कर काले धन वालो की रकम को सफ़ेद कर रहे है।
दलालों द्वारा एक लाख की रकम के बदले 60,हजार की सफ़ेद रकम ब्लेक मनी रखने वाले धनवानों को दी जा रही है।
हालांकि इस मामले पर बैंक कर्मी अपनी सफ़ाई में यही कह रहे है कि ऐसी कोई बात नही है हमारे पास बाहर से पैसा नही आ रहा है
जो धन लोग बैंक में जमा कर रहे है वो 1000,और 500, रुपयों के रूप में है जिसे हम यहा से सम्बन्धित शाखा को भेज रहे है !
जब हमारे पास उपर से धनराशि आएगी तभी हम लोगो को पेमेंट कर पायेगे ?