कल्याण रेलवे स्टेशन प्रबंधक की कैसी है लापरवाही रेल यात्रियों की जान से किये जा रहे खिलवाड़?जानिए खुलासा !

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रिपोर्टर.

कल्याण रेलवे स्टेशन  प्रबंधक की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण गोरखपूर जाने वाले यात्रियो की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है!

जिस में पुरवोत्तर जानेवाले भिवंडी  के हज़ारोे  बुनकरों को बेहद तकलीफे उठानी पड़ रही है।

इस मामले मे उनके द्वारा यात्रियों को पीछे आगे लाने पर होनेवाली समस्या पर ध्यान दिलाने  की कोशिश  की गयी तो स्टेशन उप प्रबंधक लाल ने कहा  कि इससे पहले अच्छा इंतजाम नही था क्या?

स्टेशन प्रबंधक प्रदीप दास से यात्रियों की समस्या पर जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि मै हमेशा से आरपीएफ को मेमो दे रहा हूँ।

वो लोग कुछ नही करते हैं  ऐसे में तो मै क्याकर सकता हु करूँ?

ऐसे लापरवाही भरे ढंग को देखकर स्पष्ट  होता है कि रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कल्याण स्टेशन पर यात्रियों की जान माल  से सरासर  खिलवाड़ किया जा रहा है।

देशभर के रेलवे मे विशेष स्थान रखने वाले’पूर्वोत्तर रेलवे’की यह सेवा पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए सबसे पुरानी व महत्वपूर्ण रेल सेवा है।

गोरखपूर- लोकमान्य तिलक टर्मिनस कुर्ला एक्सप्रेस जब कुर्ला से वापस हो कर गोरखपूर के लिए रवाना होती है तो कल्याण जंक्शन स्टेशन पर गोरखपूर की ओर जाने वाले अनारक्षित टिकटधारक यात्रियों को बदसलूकी और बदइंतजामी झेलनी पड़ती है।

कल्याण स्टेशन पर यह गाड़ी रात्रि११.४० पर आती है।अमूमन यह गाड़ी प्लेटफार्म नंबर ४ पर आती है। जिसकाअनारक्षित डिब्बा भी पीछे ही रहता रहा है।

लेकिन पिछले एक महीने से यह अनियमित है ।अनारक्षित डिब्बा कभी इंजन के पास लगाया जा रहा है तो कभी पीछे ,या आखिर मे लगाया जा रहा है।

इससे यात्रियों को बेहद परेशानी और यात्रियों की बाड़ीभीड़  की वजह से भगदड़ का सामना करना पड़ता है।

बड़े ही अफ़सोस ओ      शर्मनाक  की बात ये है कि गाड़ी आने के समय भी अनाउंसमेंट कर यात्रियों को इत्तिला नही की जाती है  कि डिब्बा कहां लगाया जा रहा है ?

पिछले दस दिनों से लगातार ऐसी परेशानियों की जानकारी पर जब  पत्रकार कुशीनगर एक्सप्रेस गाड़ी (डाउन)के समय हालात  का जायज़ा लेने प्रत्यक्ष स्टेशन पर पहुंचे  तो रेलवे की बेहद गंभीर लापरवाही  पायी ।

उप प्रबंधक लाल गाड़ी आने के पहले यात्रियों को पीछे से आगे की ओर लेकर आ रहे थे।

बताते चले  कि कुशीनगर एक्सप्रेस के पांच मिनट पहले सिद्धेश्वर एक्सप्रेस पांच नंबर प्लेटफार्म पर आती है।

ऐसे मे उसी प्लेटफार्म पर यात्रियों को पीछे से आगे ओर लाना यात्रियों की जान से खेलने जैसा है।

वस्तुतःअक्सर सिद्धेश्वर और कुशीनगर एक साथ कल्याण से छूटती है,उत्तर की ओर कुशीनगर एक्सप्रेस और दक्षिण की ओर सिद्धेश्वर एक्सप्रेस जाती है।

रेलवे की बद इंतजामी ये भी दिखी की कल्याण मे खुलनेवाले डिब्बे की खिड़कियाँ बंद रहती हैं।जो रेल कर्मियों की मिलीभगत से उसमे सीटे पकड़ने वाले असमाजिक तत्व रहते हैं।

जो यात्रियों से पैसे वसूली करते हैं।पहले यहाँ मौसमी छुट्टियों मे रेलवे सुरक्षा बल के जवान लाईन लगवाने की ब्यवस्था मे रहते थे !

टिकट निरीक्षक भी टिकटों पर नंबर देकर लाईन मे नकली टिकटों की जांच और लाईन की व्यवस्था हेतु टिकटों पर नंबर लिखकर व्यवस्था करवाते रहे हैं, लेकिन इस वर्ष यह सेवा पहले की तरह नही रही है,  इस लिए असमाजिक तत्वों का पुरे कल्याण स्टेशन पर राज चल है।

विदित हो कि कल्याण स्टेशन से डकैती डालने   वाले गिरोह जिसने तीन तीन डकैतियां डालीं थी ऐसे गिरोह को कल्याण जीआरपी ने पकड़ा था!

जब कि डकैती की एक ही वारदात थाने मे दर्ज हुई थी।वह  भी  किसी दूसरे रेलवे स्टेशन पर  दर्ज करवाई गई थी!

पखवाड़े भर बाद तीन चोरों को कल्याण जीआरपी ने पकड़ा है।

विदित हो  ,क़ि कल्याण से पुर्वित्तर  प्रदेश और बिहार जाने वाले भिवंडी के बुनकर ओ  मजदूरों   बड़ी तादाद मे कुशीनगर एक्सप्रेस से यात्रा करते है।

ऐसे मे जो सेवा सुविधा रेलवे से इन यात्रियों को मिलनी चाहिए  बिलकुल नही मिल पा रही है गोरखपूर के रेलयात्रियों की जान के साथ कल्याण स्टेशन पर खिलवाड़ किया जा रहा है।

इसी तरह उत्तर भारती रेलवे संघर्ष समिति के बी एन मिश्रा बताते हैं कि यात्री की असुविधाओं के बारे मे स्थानीय स्टेशन प्रबंधन का ध्यान दिलाया जाये तो बदतमीजी की जाती है।

इस बारे मे कल्याण रे सु ब के निरीक्षक से जानकारी लेने का प्रयास करने पर कार्यालय से बताया गया कि साहब दौरे पर गये हैं?

स्टेशन प्रबंधक प्रभात दास से मिलकर इस समस्या के बारे मे जानकारी  को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा मै क्या कर सकता हूँ।रोज आरपीएफ को मेमो देता हूँ !

आरपीएफ नही सुनती है ऐसे में मै क्या कर सकता हू?

इस शर्मनाक जवाब से सहज समझा जा सकता है  क़ि   रेलवे का आपरेटिंग विभाग रेल यात्रियों की जानमाल से किस कदर खिलवाड़ कर रहा है? दास के इस गैरजिम्मेदाराना लापरवाही पूर्ण जवाब पर  पत्रकार ने कहा कि ये गैर जिम्मेदारी का जवाब है तो दास ने कहा कि क्या करूँ! अरे भाई आप छापों टेबल पर रखी अपनी नेम प्लेट दिखाते हुए कहा कि हां मै ऐसा कह रहा ये मेरा नाम लिखो दास ने ऐसा भी कहा है  कि मै रोज मेमो देता हूँ। डीआरएम को भी अपनी रिपोर्ट भेज देता हूँ।  ये भी लिखो मै क्या कर सकता हूँ!

कल्याण स्टेशन पर ब्याप्त इस समस्या के बारे मे कल्याण के सांसद श्रीकांत शिंदे का ध्यान आकृष्ट कर उनका उनके विचार और समस्या के निराकरण हेतु उनके कार्यालय पर संपर्क करने पर बताया गया कि सांसद मीटिंग मे गये हैं।

उनके पीए का नंबर दिया गया लेकिन उस फोन नंबर पर संपर्क करने पर संपर्क नही हो पाया?

लिहाज़ा    केंद्रीय  रेलवे  मंत्री सुरेश प्रभु जी से अनुरोध है कि क्या इस समस्या पर  ध्यान देंकर   जो बाबु लोग दोशी है उनके खिलाफ  कड़क कार्रवाई करउन्हें निलंबित  कर पाएंगे ?

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