एन डी टी वी पर प्रतिबन्ध! अर्थात लोकतंत्र पर कथित हमला , कब सुधरेगी मोदी सरकार?
रिपोर्टर
आपातकाल के बाद मीडिया पर मोदी राज का सबसे बड़ा हमला है?
मोदी सरकार द्वारा आगामी 9 नवम्बर को 24 घंटे के लिए एन डी टी वी चैनल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उसका कारण जो दिया गया है वो पठान कोट मामले में देश की
सुरक्षा से जुडी जानकारी सार्वजनिक करने से सम्बंधित है।
मोदी सरकार जो प्रतिबन्ध पर तर्क दे रही है वो बेबुनियाद हैं क्योंकि वही जानकारी अन्य समाचार माध्यमों से भी प्रसारित हुई थी।
मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है और इस पर इस तरह से प्रतिबंध लगाना अभिव्यक्ति की आजादी पर आक्रमण करना है?
इस प्रतिबंध के माध्यम से मोदी सरकार मीडिया को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है?
इस सरकार के कार्यकाल में लोकतंत्र में लगातार हमले हो रहे है?
लोकतंत्र के एक और स्तम्भ न्यायपालिका को भी कब्जे में करने का प्रयास हो रहा है,
भारत के चीफ जस्टिस एक कार्यक्रम में रो दिए क़ि सर्वोच्च न्यायालय के प्रस्ताव के बावजूद केंद्र सरकार जजो की नियुक्ति नही कर रही है?
उसे लगातार कमजोर किया जा रहा है। वही दूसरी तरफ मीडिया पर भी सरकार अपना नियंत्रण रखना चाह रही है।
एन डी टी वी चैनल पर प्रतिबंध लगाना भी लोकतंत्र पर हमला ही है।
इंदिरा गांधी के आपातकाल के बाद मीडिया पर केंद्र सरकार का यह सबसे बड़ा हमला है।
देश के सभी नागरिकों को इस हमले का कड़ा विरोध करना चाहिए ।
हम सभी पत्रकार NDTV के साथ है ।
9 तारीख़ को हम कोई न्यूज़ चैनल नहीं देखेंगे।
अगर सच सुनने की ताकत मोदी में नहीं है तो हम झूठ सुनने और देखने को नही बैठे हैं ?