इस दौर के पढ़े लिखे लोग ऐसा भी सोचते है वह मुसलमान है शायद इसी लिए इस क्रिकेट खिलाड़ी ने नही लगाया तिलक !
भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी ने तिलक नही लगवाया ..क्योकि वो मुसलमान है..ऐसा भी सोचते है पढ़े लिखे लोग
भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज वनडे में विश्व रैंकिंग में नंबर वन पर चल रहे हैं। पिछले दिनों जब वे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए तो राष्ट्रगान के दौरान अपने आंसू नहीं रोक पाये थे।देश के प्रति इस हद तक प्रेम एक सच्चा भारतीय और सच्चा खिलाड़ी ही कर सकता है। नागपुर में टेस्ट खेलने आये सिराज और उमरान को तिलक नहीं लगाने पर ट्रोल किया जा रहा है।
जबकि यह खुद के पसंद का विषय है कि किसी का दबाव नही कि वह तिलक लगाए या ना लगाए। जबकि सिराज और उमरान पहले तिलक लगा चुके हैं।गैर मुस्लिम बैटिंग कोच ने भी नहीं लगाया तिलक लेकिन उन्हें छोड़ दिया क्योंकि उनका धर्म अलग है।किसी दिन पाकिस्तान के साथ मैच में भारतीय मुस्लिम गेंदबाजों की पिटाई हो गई तो फिर शमी की तरह देशद्रोही बना दिया जायेगा।खेल में धर्म को लाना भी देश में पहली बार देखने को मिल रहा है।
अब तो घिन आने लगी है ऐसी सोच पर. घिन आनी ही चाहिए। किस हद तक हम गिर जायेंगे इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते. सोचिये किस असुरक्षा के साथ ये खिलाड़ी खेलकर भी देश के प्रति मैदान में अपना सौ फीसदी योदान दे रहा है। फोटो देखी होगी वीडियो भी देखा होगा आपने राष्ट्रगान के लिए आंसू बहाते सिराज की और अगर आप उनकी तिलक न लगाने पर आलोचना कर कर रहें हैं तो शर्म से जमीन के नीचे गड़ जाइये। सिराज और उमरान पर हमें गर्व है क्योकि वो भारतीय है विश्व भर से हमारी क्रिकेट को हमारी टीम को सेल्यूट करवा रहे हैं। उनकी दुनिया
भर में तारीफ हो रही है और हम मजहब की आड़ में महज उन्हे तिलक न लगाने पर बदनाम किए जा रहे है मुसलमान है इस लिए
एक छलावा है।