आबकारी विभाग की लापरवाही का बेजा फायदा उठा रहा ठेकेदार,शराब नीति का उड़ाया जा रहा मजाक
आबकारी कार्यालय में लटका रहता है ताला
आबकारी विभाग की लापरवाही का बेजा फायदा उठा रहा ठेकेदार
ऊंची दरों पर बिक रही शराब.
जुन्नारदेव:-
आदिवासी अंचल जुन्नारदेव के मध्य में स्थित आबकारी विभाग का कार्यालय हमेशा ही नगर में चर्चा का विषय बना रहा है। नगर के वार्ड क्रमांक 9 में स्थित इस आबकारी विभाग के कार्यालय में हमेशा ही ताला लटका मिलता है।
आबकारी विभाग की इस लापरवाही का बेजा फायदा कथित रूप से स्थानीय ठेकेदार उठा रहा है।
शराब ठेकेदार के द्वारा जहां एक ओर शराब नीति का खुलेआम धज्जियां उड़ा कर कथित रूप से शराब को महंगे दामों पर बेचा जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर यह भी खबर है कि ग्रामीण आदिवासी जनता इनके कथित लोग से भोले-भाले आदिवासी काफी भयभीत नजर आ रही है जो कि शराब पकड़ने के नाम पर ग्रामीणों से अभद्र व्यवहार करना इनके लिए आम बात हो चुकी है।
एक सिपाही के जिम्मे हैं विभाग.
नगर का आबकारी विभाग का लगभग पूरा संचालन आबकारी निरीक्षक एवं एकमात्र सिपाही के ही द्वारा किया जा रहा है. निरीक्षक एवं एकमात्र सिपाही के इस सबसे बड़े आदिवासी अंचल विकासखंड की जिम्मेदारी हो जाने से कार्य की अधिकता के कारण ठेकेदार को इसका खासा लाभ भी मिल रहा है।
ऊंचे दर और बिना बिल के बिक रही शराब.
आबकारी विभाग के अमले की इस कमी का फायदा क्षेत्र में एमआरपी से अधिक दरों पर खुलेआम शराब की बिक्री किए जाने की शिकायतें भी विभाग को उपभोक्ता नहीं कर पा रहे हैं, इस विभाग के मुख्य कार्यालय में ताला लटकने के कारण आम लोग व्यथित भी हैं। प्रदेश की नई आबकारी नीति के मुताबिक प्रत्येक शराब दुकान में उसके लाइसेंसी के द्वारा विभिन्न शराब के दामों की सूची लगाना अनिवार्य है और शराब के विक्रय किए जाने पर उसका बिल देने का प्रावधान भी नियत किया गया है लेकिन इस आदिवासी अंचल में इन नियमों की सरेआम धज्जियां इस ठेकेदार के द्वारा उड़ाई जा रही हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों के ध्यान ना दिए जाने के कारण इस क्षेत्र में ठेकेदार की मनमानी अब सर चढ़कर बोल रही है। आबकारी विभाग विभाग के इस कार्यालय के सफल संचालन के लिए आम जनता की अपील है कि वह तत्काल ही अधिकारियों की तैनाती कर इस आदिवासी अंचल में स्वस्थ माहौल का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें।
संवाद
तरुण बत्रा, संजय जैन & माजिद खान