अरविंद केजरीवाल को मुसलमानों का वोट चाहिए पर मुसलमानों से संबंधित मुद्दों पर मौन साध लेते है, बिल्किस बानो के आरोपियों की रिहाई पर भी उनके मुंह पर ताला लग गया था एक शब्द भी नही निकला?

दिल्ली के कामयाब मुख्य मंत्री
अरविंद केजरीवाल इन दिनों गुजरात विधानसभा का चुनाव मुस्तैदी से लड़ रहे हैं। गुजरात में वे जय श्री राम का नारा लगाते हैं और खुद को बजरंगबली का भक्त बताते हैं।
गुजरात में ही बिल्किस बानो के साथ जघन्यतम अपराध हुआ था जिसके आरोपियों को हाल में गुजरात
सरकार ने अमित शाह के निर्देश पर रिहा कर दिया ।

जब दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था तब केजरीवाल एवं सिसोदिया कांग्रेस पर बेहद आक्रामक थे एवं कांग्रेस दफ्तर से तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे।

बाद के दिनों में भी रेप पर केजरीवाल एवं सिसोदिया सरकार से सवाल करते रहे हैं।
लेकिन बिल्किस बानो केस के आरोपियों की रिहाई के मामले में केजरीवाल एंड कंपनी के मुंह पर ताला लग गया है?
आखिर ऐसा क्यों है ?

केजरीवाल को मुस्लिमों का वोट ज़रूर चाहिए लेकिन वे मुसलमानों से संबंधित मुद्दों पर मौन साध लेंगे।
दिल्ली दंगा, हाल में प्रवेश वर्मा द्वारा दिल्ली में इस समुदाय के बहिष्कार का बयान या बिल्किस बानो के मामले में केजरीवाल के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला।

फिर उन्हें मुसलमान वोट क्यों देंगे ?
स्पष्ट है कि केजरीवाल भाजपा की राह पर चल रहे हैं। लेकिन मुसलमानों को मुर्ख बना कर उनसे भी वोट लेना चाहते हैं और लेते भी रहे हैं।
गुजरात के अल्पसंख्यक समुदाय को उनसे बिल्किस बानो प्रकरण में दो टूक सवाल करने की जरूरत है।

संवाद
मो अफजल इलाहाबाद और

अनिल अरुण

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