अब होगा चंदे का धंधा मंद , क्या महाराष्ट्र सरकार कानून में संशोधन कर चंदा मांगने वालों पर लगायेेगी लगाम !

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रिपोर्टर.

अब चंदा मांगने से पहले चंदा मांगने की इजाजत सरकार से लेनी होगी !

इतना ही नहीं, चंदे के रूप में जमा की गई रकम के हिसाब और खर्च का ब्योरा भी सरकार को बताना होगा।

गत  मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में महाराष्ट्र पब्लिक ट्रस्ट ऐक्ट-1950 की धारा 41 (ग) में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

इस प्रस्ताव के अनुसार अब निजी, गैर सरकारी संस्थाओं तथा व्यक्तियों को धार्मिक और चैरिटेबल कार्यों के लिए चंदा जमा करने और चंदे की रकम के खर्च की पूर्वानुमति सरकार से लेनी होगी।

इस प्रस्ताव का मकसद मनमाने ढंग से चंदा जमा करने और चंदे की रकम का दुरुपयोग को रोकना है।

ऑनलाइन इजाजत मंत्रिमंडल के समक्ष पेश प्रस्ताव में कहा गया है कि धार्मिक और चेरिटेबल कार्यों के लिए चंदा जमा करने की इजाजत मांगने के लिए  चेरिटी आयुक्त कार्यालय में ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

सात दिन में फैसला चेरिटीआयुक्त कार्यालय के सक्षम अधिकारी के लिए यह अनिवार्य होगा कि वह आवेदन प्राप्त होने के सात दिन के भीतर या तो आवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करे।

अगर 7 दिन के भीतर किसी भी आवेदन को अस्वीकार नहीं किया जाता, तो यह मान लिया जाएगा कि आवेदन स्वीकार कर लिया गया है!

तो सरकारी खजाने में मंत्रिमंडल से मंजूर प्रस्ताव में महाराष्ट्र पब्लिक ट्रस्ट ऐक्ट-1950 की धारा 41 (च) और 66 (ग) में भी महत्वपूर्ण संशोधन को मान्यता दी गई है।

इस मुताबिक, अगर किसी संस्था या व्यक्ति द्वारा जमा किया गया चंदा या अन्य संपत्ति अवैध पाई गई, तो उसे सरकारी खजाने में जमा कर लिया जाएगा।

मंत्रिमंडल से मंजूर होने के बाद सरकार जल्द ही विधानसभा और विधान परिषद में संशोधन विधेयक पेश करेगी।

दोनों सदनों से पारित होने के बाद विधेयक को राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा जाएगा।

राष्ट्रपति की अनुमति मिलते ही यह कानून लागू हो जाएगा !

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