अबतक क्यों कोई सुराग नही मर्डरर आरोपियों का ?
रिपोर्टर.
लगातार दूसरे दिन भी दिवंगत पत्रकार नवीन हत्याकांड के मुद्दे पर विधानसभा में सपा विधायकों का धरना ,हंगामा जारी।
कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के द्वारा विपक्ष के जनप्रतिनिधियों से नवीन हत्याकांड मामले को विधानमंडल सत्र में उठाने की अपील के बाद सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी समेत अन्य विपक्ष के विधायकों ने पत्रकार हत्याकांड को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा।
गुरुवार को भी कानपुर के सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी और इरफ़ान सोलंकी विधानसभा में मुखर होकर ये मामला उठाया था और पत्रकारों के हत्यारों को फाँसी दो फाँसी दो के नारे लगाकर विधानसभा की कार्यवाही नही चलने दी थी,
जोरदार हंगामा के बीच विधानसभा अध्यक्ष को कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी ।
बतादें कि पत्रकार नवीन गुप्ता मर्डर के 15 दिन बाद भी पुलिस हत्यारों का कोई सुराग नहीं लगा सकी!
कानपुर जर्नलिस्ट क्लब से लेकर पूरे प्रदेश के पत्रकार व समाजसेवी संगठन लगातार विरोध दर्ज करा रहे हैं।
कानपुर से लेकर पूरे प्रदेश के पत्रकार व समाजसेवी संगठन लगातार विरोध दर्ज करा रहे हैं।
शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन के बाद लगातार दूसरे दिन भी कानपुर के सपा विधायकों ने पत्रकार हत्याकांड के खुलासे की पुरजोर मांग की और प्रदेश सरकार को कानून व्यवस्था पर घेरा।
उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र गुरुवार को शुरू हुआ। सत्र के दूसरे ही दिन का सत्र भी हंगामा भरा रहा।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सदस्य जहां सरकार विरोधी नारेबाजी कर वेल पर आ गये।
कानपुर के दो सपा विधायकों ने बिल्हौर में मारे गये पत्रकार नवीन गुप्ता के हत्यारों को फांसी दिये जाने की मांग की।
पूरे सत्र के दौरान विधायक पत्रकार हत्याकांड का मामला बराबर उछालते रहे।
आर्यनगर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने बताया कि हमने सरकार से पत्रकार के हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की व प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए पूछा कि आखिर कौन से कारण हैं कि 15 दिन बाद भी पत्रकार के हत्यारे पुलिस से दूर हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार से मांग की गई है कि पहले तो पत्रकार के हत्यारों को गिरफ्तार कर फांसी की सजा दी जाय।
दूसरा पत्रकार के परिजनों को आर्थिक सहायता व पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाये।
वही सीसामऊ विधायक इरफ़ान सोलकी ने भी कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
दोनों विधायकों ने कहा कि जब लोकतंत्र का चौथा स्तंभ सुरक्षित नहीं है तो प्रदेश की कानून व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जब तक पत्रकार हत्याकांड में सरकार अपना रुख साफ नहीं करती तब तक हमारा विरोध चलता रहेगा!