अन्ना हज़ारे ने दी मोदी को चुनौती, सुधर जाओ वर्ना मिलेंगे रामलीला मैदान मे क्या है लफड़ा?जान लीजिए !
रिपोर्टर.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोकपाल कानून बनने के बावजूद लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं करने पर केंद्र सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए दिल्ली कूच की चेतावनी दी है!
हजारे ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग के संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर एक चिट्ठी लिखी है।
जिसमें चेतावनी दी है कि अगर लोकायुक्त नियुक्त नहीं किया गया तो वह देशभर के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ फिर दिल्ली के रामलीला मैदान का रुख करेंगे।
उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन सत्ता परिवर्तन से नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन से मतलब रखता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक व्यवस्था परिवर्तन नहीं होगी तब तक कोई भी व्यवस्था लागू नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि लोकपाल का कानून बन गया है।
राष्ट्रपति द्वारा उस पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं इसके बावजूद लोकायुक्त की नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है यह इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है?
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इससे पूर्ण भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो लेकिन 50 फ़ीसदी भ्रष्टाचार जरूर खत्म होगा।
उन्होंने कहा कि 42 साल से वह समाज सेवा में कार्यरत हैं आरटीआई का कानून बन गया लेकिन अभी उसे संपूर्ण रूप से अमल में नहीं लाया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार गिरने से नहीं व्यवस्था परिवर्तन से डरती है और कानून बनाने के लिए सदाचारी लोगों का होना बहुत जरूरी है!
उन्होंने इस बात पर भी मलाल व्यक्त किया कि आंदोलन में लोग कहते हैं कि अन्ना तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं ,
लेकिन जब पीछे मुड़कर देखते हैं तो कोई भी साथ नहीं होता!
उन्होंने कहा कि भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए सदाचारी होना पड़ेगा और निष्कलंक जीवन जीने वाला व्यक्ति ही देश में सामाजिक क्रांति ला सकता है।
हजारे ने स्पष्ट किया कि उनका दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री को चिट्ठी जरूर लिखी है !
अगर जरूरत पड़ी तो रामलीला मैदान का रूख किया जाएगा?
उन्होंने कहा कि पूरे देश के सभी राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति होनी चाहिए?