PMC बैंक घोटालेमें सर्वघोषित मिस्टर क्लीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस समेत केंद्र से लेकर राज्य तक कई भाजपा नेता शामिल है। निष्पक्ष जाँच हुई तो सब सामने आजाएगा, फिर क्या होगा?

images (26)

रिपोर्टर:-

अब रिजर्व बैंक कह रही है कि हमने तो PMC बैंक के डायरेक्टर वरियाम सिंह को हटाने का सुझाव दिया था ।
रिजर्व बैंक ने साल भर महाराष्ट्र के सहकारिता संगठनों के रजिस्ट्रार को यह सुझाव दिया था।

हालांकि इसके बाद भी सिंह हाल तक पद पर बने रहे।
लेकिन यह बात सोचने वाली है कि रिजर्व बैंक ने PMC बैंक पर कार्यवाही की है तो उससे प्रभावित कौन हो रहा है?
इस प्रतिबंध से आज प्रभावित हो रहा हैं आम खाताधारक।
आज बेइंतहा परेशानी झेल रहा है आम खाताधारक।
जिसे अपने ही खाते से सिर्फ 10000 रु ही मिल पा रहे हैं। इस से ज़्यादा नही निकाल सकते।
यह कैसी दोहरी व्यवस्था है कि अमीर डायरेक्टर के लिए तो रिजर्व बैंक सिर्फ सुझाव देकर ही अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है!
लेकिन जैसे ही उसे पता चलता है कि अब पानी सर के ऊपर से गुजर गया है वह गरीब खाताधारकों की सालो साल से जमा की जा रही बचत को निकालने पर प्रतिबंध लगा देता है।

अब PMC बैंक के जॉय थॉमस कथित तौर पर रिजर्व बैंक के आगे स्वीकार कर रहे हैं कि दिवालिया हो चुकी कंपनी एचडीआईएल को 6,500 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण दिए गए थे।
यह नियामकीय सीमा का चार गुणा तथा बैंक के 8,880 करोड़ रुपए के कुल ऋण का 73 प्रतिशत था।
थॉमस के अनुसार वे खुद 19 सितंबर को भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक रवि मिश्र से मिलने गए और उन्हें अपनी स्थिति का मूल्यांकन करने के लिये थोड़े और समय की मांग की।

उन्होंने आगे कहा कि बैंक की मांग पर ईडी ने सहमती जताई थी और कहा था की आरबीआई एक सामान्य निरीक्षण करेगा और उन्हें दो महीने का समय दिया जाएगा।
पर अगले ही दिन निरीक्षण अधिकारी आए और सारी जानकारी एकत्र करने लगे।
हालांकि, रिपोर्टों से पता चलता है कि थॉमस और उनकी टीम को पीएमसी बैंक के एक वरिष्ठ शाखा प्रबंधक के “विद्रोह के बाद” पूरी बात का खुलासा करना पड़ा।
जिसके बाद आरबीआई ने स्थिति का जायजा लिया और ऋण को टोटल लॉस करार दिया।
अगर यह रकम आरबीआई के अनुसार टोटल लॉस हैं तो किस आधार पर कहा जा रहे हैं कि PMC बैंक में 6 महीने में स्थिति सुधर जाएगी ?

इससे भी बड़ी बात तो यह हैं कि ऐसे ही गड़बड़ घोटाले न जाने कितनी ही सहकारी बैंकों में और हो सकते है राष्ट्रीयकृत बैंकों में भी चल रहे हो?
हमे कैसे पता चलेगा कि हमारा जमा पैसा सुरक्षित है?
वरियाम सिह जैसे न जाने कितने लोग अभी बैंको के डायरेक्टर बन कर बैठे हुए हैं!
अब यह सिर्फ PMC बैंक का संकट नही है अब यह भारतीय बैंकिंग पर विश्वास का संकट है।

SHARE THIS

RELATED ARTICLES

LEAVE COMMENT