L/Ward मनपा में पनप रहा है कथित भ्रष्टाचार इस कारण फ़र्ज़ी बिल्डर्स कर रहे है अवैध निर्माण, काट रहे चांदी ? तो दूसरी तरफ फ़र्ज़ी बिल्डरों पर पुलिस थानों में कई गंभीर मामले दर्ज है ! जाने खुलासा !

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जैन शेख.

बीते कुछ 5 माह पूर्व से L/Ward मनपा के कुछ ज़िम्मेदार महा भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कुर्ला पूर्व कसाई वाड़ा कुरेशी नगर इलाके में बड़े बड़े मनमाने अवैध निर्माण की बाढ़ सी आई है।

प्राप्त सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक हमेशा रिश्वत खोरी में मशहूर रहे L/Ward मनपा अन्तर्गत, हाजी करामात अली रोड वाले कसाई वाड़ा कुरेशी नगर कुर्ला( पू) मुम्बई 70 स्थित शकील मिठाई वाला स्टोर्स के पीछे , यूसुफ हारून नामी पहले महले की बैठी चाल (अब इमारत )मौजूद है ।

जो कुछ सालों पहले 83 बैठी चाल के नाम से मशहूर थी।
अब इसे जावेद ,आसिफ और बिलाल नामी कुख्यात दबंग गुंडो ने अवैध निर्माण करवाने के इरादे स्थानीय एल वार्ड मनपा सहाय्यक आयुक्त तथा बिल्डिंग व फैक्टरी डिवीजन के खासम खास अभियंता , उप अभियंता को मोटी रकम रिश्वत देकर उन की सांठ गांठ से अवैध निर्माण के परमिशन लिए है। ओ सब के सब फ़र्ज़ी है !

इस कारण पहले महले से निर्माण कार्य को ज़ोरो शोर से शुरूआत कर अबतक 5 वे महले तक बड़ा निर्माण पूरा करने में कामयाबी पायी है।

बताते है कि मोटी रकम के बलबूते उक्त कॉन्ट्रक्टरो ने जोर शोर से इस पुरानी बैठी चाल को ग्राउंड फ्लोर से लेकर अवैध निर्माण शुरू कर 5 महले की बड़ी इमारत बना कर खडी किये हुए है जो सिर्रे से आवैध है!
उक्त जगह किसी ऑनर के नाम की मिल्कियत थी उस मालिक की मृत्यु होने के बाद उस के 2 लड़को में बडा लड़का सलीम और दूसरा छोटा लड़का मोहमद सोहेल के नाम से यह प्रोपर्टी है ।

गौर तलब रहे कि मौजूदा 3 बिल्डरों ने मौजूदा मालिक बड़े लड़के सलीम से तालमेल कर जगह को 5 महले का निर्माण करने हेतु खासे पटाया लेकिन छोटे भाई मोहमद सोहैल ने इस बात को मानने से इनकार किया तो इन चालाक बिल्डरों ने इसे झुठे, केस में पुलिस की मिलीभगत से फसा कर गिरफ्तार करवाया ।
इस तरह इस जगह के लिए 2 भाईयों में से किसी एक ही की सहमति लेकर इस इमारत का अवैध निर्माण चल रहा है।
तो दूसरी तरफ इन बिलडरो के खिलाफ बम ब्लास्ट,और चेटिंग के कुछ केसेस तथा कंपनी टच के भी मामले पुलिस थानों मे दर्ज है।

बताते चले कि किसी जरूरतमंद फेमिली के लोगों से इसी बिल्डिंग में मकान दिलाने को लेकर उक्त बिल्डर पहले हीे कुछ आधी या पूरी रकम ऐठ लेते है। ये कहकर कि पहले महले पर मकान के अलग रेट है इस लिए 25 लाख देना पड़ेगा।
जब उसकी सहमति से पैसे पेड लिए जाते है तो उसके बाद उसी मकान को किसी दूसरे ज़रूरतमंद को उससे कुछ ज़्यादा रकम में बेच देते है। तब पहला खरीददार इस बारेमे अपना पेड़ किया गया पैसा और मकान की पूछताश कर अपना हक जताने की कोशिश करता है तो ये बिल्डर पूरी तरह से उस वादे से मुकर कर झगडे की बिना पैदा कर पहला सौदा जानबूझ कर रद करवाते है। उसे बेवकूफ बना कर कह देते है कि भाई वह जो तुम्हें पहले महले के मकान कर एग्रीमेंट किये है जो पैसे भरे है ,और एग्रीमेंट है ओ सब के सब नकली है । वह हमनें नही बल्कि किसी दूसरे बिल्डर के साईंन किये गये है ।देखिये बराबर पढ़ लें जिसके द्वारा तुम्हारे एग्रीमेंट बनाये गए थे वह बिल्डर अब इस मकान को किसी और शख्स को बेंच कर भाग गया है।
भला ऐसे मे हमारा क्या कसूर है? हा अगर आपको इतनी ही मकान की ज़रूरत हो तो 2 रे या 4 थे महले पर फला फला एक मकान बाकी बचा है अगर बुक करवाना हो तो जो पहले रकम दी गयी है उस से डेढ़ गुना रकम उस मकान की कीमत है राज़ी हो तो एग्रीमेंट पर दस्तखत करवा ले। नही तो तुम्हारे पहले के बुक करवाये गए पैसे डूब गए। अब इसके े हम ज़िम्मेदार नही है ।
तुम को जो करना है वह कर सकते है पुलिस हो या इस के बाप कहीं पर भी शिकायत करने से हमारा कोई कुछ भी बिगड़नेवाला नही है ?
गौर तलब रहे कि इस इलाके में बिल्डर्स द्वारा कई कस्टमर्स लोगो से खुलेआम चेटिंग और बेवकूफ बनाये जाने के कई मामले पुलिस थाने में दर्ज है, और तो और रेडी पोझिशन में बिल्डिंग में वाटर सप्लाय व बिजली की आपूर्ति का भी इंतेज़ाम नही करते ऐसी भी कई शिकायतें है
बताया जाता है कि उक्त चीटर बिल्डरों से स्थानीय पुलिस की खासी मिलीभगत रही है पुलिस को ये बिल्डर हफ्ता देते ह ऎसे सूत्रो से पता चला हैै।
अगर गलती सेे कोई पीड़ित मकान खरीददार इनकी शिकायत करने हेतु पुलिस थाने जाए तो उसकी यहां कोई सुनवाई नही होती।उल्टे डांट फटकार मिलती है । कहा जाता है कि मकान खरीदी करने से पहले पुलिस स्टेशन क्यो नही आकर इत्तिला दी और शिकायत लिखवाई गयी? इस बारेमे अब पुलिस कुछ भी मदद कर नही सकती।
इसतरह का यहाँ अबिल्डरों और कुछ ग्राहकों का लफड़ा सुर्खियों में है।

लिहाज़ा उक्त अवैध इमारत ओ बिल्डरों को लेकर गत दिनों मौखिक रूप से सूचना मीडिया डीटेक्शन के संपादक द्वारा मुम्बई पुलिस मेन कंट्रोल को दी गई है। जिस के तहत बिल्डर बिलाल को गिरफ्तार भी किया गया है बाकी लोग वांटेड है?

इन सब के खिलाफ कई स्थानीय सामाजिक संस्थाओं के लोगो ने विरोध जताया है और स्थानीय मनपा से लेकर बीएमसी उप आयुक्त चेम्बूर,मनपा आयुक्त तथा मुम्बई पुलिस आयुक्त से शिकायतें की गई है।
शिकायत के अनुसार दरअसल बिल्डिंग प्रोजेक्ट के लिए जरूरी है कि बिल्डर या कॉन्ट्रक्टर के पास सिविल इंजीनियर के द्वारा मान्यताप्राप्त लाइसेंस का होना।
ऐसे में जावेद आसिफ और बिलाल जैसे कॉन्ट्रेक्टर के पास कोई भी सरकारी मान्यता प्राप्त वैध लाइसेंस मौजूद नही है ।
फिरभी L/Ward मनपा के कुछ महा भृष्ट अधिकरियो की उन पर खासी मेहरबानी है ।
जिस के कारण ऐसे गुंडे जो आज के दल्ला बिल्डर है पिछले कुछ समय पूर्व बम ब्लास्ट के आरोपी भी कहलाते है ,तो कोई कंपनी टच बताया जाता है !ऐसे सूत्रों से पता चला है ।
जिन्हें अवैध निर्माण करवाने में आसानी से कैसे सर्टिफिकेट्स मिल गए ? इस बारे में कोई किसी को पता तक नही है ?
खास तौर से L/वार्ड मनपा के इन महा भ्रष्ट अधिकारियों को भी कोई इस बारेमे पुख्ता जानकारी नही है कि ये असामाजिक तत्व के लोग है या कुछ और। आज यकायक बड़े बिल्डर कैसे बन गए?
तथा पुलिस थानों मे उनके कई आपराधिक केसेस मौजूद है?
हम एल वार्ड नानापा के उन भ्रष्ट अधिकारियों से पूछना चाहते है कि उन्हें बिना लाइसेंस के एक बैठी चाल वाली जगह को इतनी बड़ी 5 महले की बिल्डिंग तैयार करने के परमिशन कैसे दिए गए है वह भी किस आधार पर ? क्या इसकी जांच नही होनी चाहिए?
उक्त जगह को 5 /5 मंज़िला इमारत बनानेे में मनपा और PWD द्वारा किन प्रमाणपत्रो की आवश्यकताये है ?
कार्पेट एरिया कितना होना चाहिए उसका मेप किसी सरकारी अधिकारी द्वारा पास करवाया है या नही?

उक्त जगह के मालिकों की बिल्डिंग निर्माण को लेकर सहमति पत्र NOC लेटर मौजूद है या नही?

सूत्र बताते है कि इस जगह के मालिक दो भाई की ये प्रोपर्टी है छोटे भाई सोहेल के NOC के लेटर पर दस्तखत नही किये गए है। फिरभी बिल्डरों ने इस अवैध काम को कैसे निर्माण करना शुरू किया?

बिल्डिंग निर्माण को लेकर दूसरी बिल्डिंग के बीच का फासला कितना रहना जरूरी है?
कितने महले के परमिशन लीगली तौर से दिए गए है ?
हर महले पर कानूनी तौर से कितने रुम बनाने के परमिशन दिए गए है ?
और इस निर्माण में कानून की धज्जियां उड़ा कर ज़्यादा आय डकार ने हेतु हर महले पर कितने आधिक रुम बनवाये गए है?इसकी किसी सरकारी बाबू ने ज़रूरी तौर से तहकीकात की है या नही?
पार्किंग की सुविधा,पुलिस, वेन, तथा फायर ब्रिगेड की गाड़ी को आने जाने का मार्ग खुला रखना ज़रूरी है कीै नही?
इन सब सवालों की उच्चस्तरीय अगर जांच हो जाए तो एल वार्ड मनपा की मिलीभगत और भ्रष्ट अधिकारियों के काले चिट्ठों की पोल खुल सकती है !
मगर एल वार्ड मनपा द्वारा कानून का खुलेआम मज़ाक उड़ाते हुए धज्जिया उड़ाई जा रही है। ये बात भी काबिले गौर है !
और तो और उक्त बिल्डिंग प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किया गया रो मटेरियल सीमेंट, रेती, लोखंडी सरिया , ग्राटर जो चोरी किये हुए भंगार माफियां से खरीद कर यूज़ किया गया है। इस बात का भी किसी सरकारी बाबओू द्वारा परमिशन देते समय खयाल क्यों नही रहा? आखिर इस सारी गलतियों के ज़िम्मेदार कौन हैै?
सूत्र बताते है कि इस इमारत को बनाते वक्त जो घटिया माल इस्तेमाल किया गया है, इन हालातों को देख आंधी तूफान और मूसलाधार बारिश की मार झेलना भी मुमकिंन नही है।
ऐसे में उक्त बिल्डिंग अचानक धराशाई होकर बड़ी ही भयंकर हानि हो सकती है और जानोमाल का बड़ा खतरा होने के बड़े कारण बन सकती है तब उस के ज़िम्मेदार स्थानीय मनपा के ये भृष्ट अधिकारी नही है क्या ?
बतादें कि बतारिख 18 मई 2017 को मनपा कंट्रोल पर इस के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है वह भी लगातार 3/ 3 बार ।
कम्प्लेन नम्बर 0722118779 इस तरह है।तथा मुम्बई पुलिस मेंन कंट्रोल पर भी इसकी मौखिक शिकायत दिनांक 05/06/2017 को दी गई है जिसका नम्बर CSF 2430542 है।

लेकिन शिकायत के मुताबिक यहाँ स्थानीय मनपा द्वारा कोई किसी भी तरह की कार्रवाई नही है। न की इस तरफ किसी भी अधिकारी का ध्यान है बल्कि सिर्फ बिल्डरों से मोटी रकम डकारे हुए कुम्भकर्णीय नींद में अबतक सोये हुए है !
शायद आगे भी इस मामले पर कार्रवाई होती है या नही या फिर बिल्डरों को वचाने के प्लानिंग में स्टे ऑर्डर दिलवाकर कार्रवाई की ऐसी तैसी होनेवाली है ?

गौर तलब हो कि एल वार्ड मनपा द्वारा शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर कोई खासा ध्यान नही दिया जा रहा है !
अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के बजाय लीपापोती हो रही है !
दबंग कुख्यात बिल्डरों को खासे संरक्षण देकर बचाया जा रहा है !
कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है?, शिकायत कर्ताओं को ये गुंडे बिल्डर जानसे मारने की धमकी भी देते है? ,
इस कारण इनके खिलाफ शिकायत करने से लोग डरते है।
स्थानीय लोग अक्सर इन गुंडों के डर व दहशत के साये में जी रहे है !

लिहाज़ा हमारी तरफ से मांग है कि बीएमसी Act1888 के मातहत अवैध निर्माण के खिलाफ 354/A द्वारा कानूनी नोटिस का पालन कर उक्त बिल्डरों के खिलाफ BMC Act MRTP तथा Police act MPDA के तहत सख्त कार्रवाई की जाए !

माननीय महोदय मनपा आयुक्त मुम्बई,पुलिस आयुक्त मुम्बई,पुलिस महानिर्देशक महाराष्ट्र, राज्य के PWD मंत्री, तथा महाराष्ट्र के गृह मंत्री एवं मुख्य मंत्री जी से हमारी अपील है उक्त मामले को संज्ञा में लेकर मौजूदा अवैध निर्माण व असामाजिक तत्व के बिल्डरों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के आदेश देते हुए आरोपी बिल्डरो को तड़ीपार किया जाएं।

अब देखना य हैे कि स्थानीय मनपा इस मामले पर सख्ती से निपटने की मुड़ बना पाती है है या उनका रवैय्या कॉंट्रेक्टरों को बचाने की तरफ है ?

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