700 साल पहले भी दिल्ली के सुलतान ने की थी नोटबंदी जिसकी वजह से क्या हुआ था असर? जानने के लिए यशवंत सिन्हा की सुनिए ज़बानी !

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रिपोर्टर:- 

भारत में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यश्वंत सिंहा ने नरेन्द्र मोदी सरकार के डिमोनिटाइज़ेशन के फ़ैसले को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 14वीं शताब्दी में दिल्ली के सुलतान मुहम्मद बिन तुग़लक़ ने नोटबंदी की थी।

विवादित फ़ैसले के लिए मोदी की आलोचना करते हुए सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी ने देश की अर्थ व्यवस्था को 3 लाख 75 हज़ार करोड़ रूपए का नुक़सान पहुंचाया है।

यश्वंत सिंहा ने कहा कि बहुत से शहंशाह गुज़रे हैं जिन्होंने अपनी मुद्रा चलाई, कुछ ने पुरानी मुद्रा को चलने दिया लेकिन साथ ही अपनी मुद्रा भी चलाई ।

जबकि 700 साल पहले एक शहंशाह था मुहम्मद बिन तुग़लक़ जिसने पुरानी मुद्र को बंद करके अपने अपनी मुद्रा चलाई थी।
इस आधार पर हम कह सकते हैं कि नोटबंदी 700 साल पहले भी हुई थी।

सिन्हा ने कहा कि तुग़लक़ वैसे तो राजधानी को दिल्ली से स्थानान्तरित करके दौलताबाद ले जाने के लिए आलोचना का निशाना बनाया जाता है लेकिन उसने डिमोनिटाइज़ेशन भी किया था।

मुहम्मद तुग़लक़ ने 14वीं शताब्दी में बहुत कम अवधि के लिए दिल्ली पर राज किया था लेकिन इसी अवधि में उसने कई विवादित निर्णय लकिए जिसके कारण उसे पागल और सनकी राजा कहा जाने लगा।

यश्वंत सिंहा ने कहा कि देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोज़गारी थी और वर्तमान परिस्थितियों में अर्थ व्यवस्था के लिए कुछ भी करने का समय गुज़रता चला जा रहा है।

यश्वंत सिंहा ने सेंटर फ़ार मानीटरिंग इंडियन इकानोमी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि डिमोनिटाइज़ेशन का प्रत्यक्ष ख़र्चा 1 लाख 28 हज़ार करोड़ रूपए तक जाएगा और यदि हम मान लें कि जीडीपी में 1.5 प्रतिशत की गिरवट आई है, हालांकि मुझे लगता है कि गिरावट इससे ज़्यादा है।
तो डिमोनीटाइज़ेशन का ख़र्चा 2 लाख 25 हज़ार करोड़ तक पहुंच जाएगा।

यदि इन दोनों ख़र्चों को मिलाकर देखा जाए तो देश की अर्थ व्यवस्था को 3 लाख 75 हज़ार करोड़ का नुक़सान पहुंच चुका है।
यश्वंत सिंहा का कहना था कि यह सब कुछ मीडिया इवेंट के लिए किया गया।

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