56इंच सीना शेर मोदीजी की किसी भी योजना से जबतक चीन और पाकिस्तान थर थर न कांपे उन्हे टेंशन न हो उनकी नींद में खलल न पड़े ऐसा कभी हो ही नही सकता
मोदी की ऐसी कोई योजना से चीन और पाकिस्तान जब तक थर-थर न कांपे, उन्हें टेंशन न हो, उनकी नींद न उड़े, ऐसा हो ही नहीं सकता। थर-थर, हर-हर, घर-घर- बिकाऊ मीडिया के प्रिय शब्द बन चुके हैं। ये अलग बात है कि योजनाओं से भले ही देश के लोग थर-थर कांपने लगें, नींद उड़ जाए, टेंशन में आ जाएं।
ऐसा कौनसा मास्टर स्ट्रोक है, जिससे जनता की नींद न उड़ी हो, थर-थर न कांपी हो? जान न गंवाई हो
नोटबंदी से जनता को टेंशन हुई। लाइनों में सैकड़ों लोगों ने जान गंवा दी। कहा गया, नोटबंदी से काला धन खत्म होगा, आतंकवाद की कमर टूटेगी, नक्सलियों पर लगाम लगेगी।
काला धन और बढ़ गया, कश्मीर 1990 के दशक में चला गया, नक्सलवाद वहीं है।कहा गया नोटबंदी के आगे चलकर फायदे दिखेंगे। 8 साल हो गए। और कितना आगे जाना पड़ेगा?
जीएसटी से व्यापारी आज तक थर-थर कांप रहे हैं।
सीएए लाए। उसके नियम आज तक नहीं बन सके। पाकिस्तान से आए शरणार्थी निराश होकर वापस चले गए।
कृषि क़ानून क्रांतिकारी बताए जा रहे थे। 700 किसानों की जान लेकर वापस हुए।
अनुच्छेद 370 हटाकर कश्मीर को अंधी सुरंग में धकेल दिया। कश्मीरी पंडित एक बार फिर घाटी से पलायन करने लगे।क्योंकि आज भी कश्मीरी पंडितों की हत्याएं हो रही है दहशत में है कश्मीरी पंडित और कश्मीरी मुसलमान।
ऐसे में मास्टर स्ट्रोक के मास्टर ने अब अग्निपथ लाकर युवाओं को अग्निपथ पर चलने को मजबूर कर दिया। पूरा कॉरपोरेट, पूरी भाजपा, पूरी मोदी सरकार अग्निवीरों को समझाने पर आ गए, लेकिन वे समझ नहीं रहे!
कॉरपोरेट अग्निवीरो को अपने यहां एडजस्ट करने का झांसा दे रहा है। ये अलग बात कि मंदी से थर-थर कांप रहा कॉरपोरेट छंटनी करने पर उतरा हुआ है।
वैसे बिकाऊ मीडिया के क्या कहने, उस ने अब अग्निवीरो को अपने यहां एडजस्ट करने का ऑफर क्यों नहीं दिया अब तक? समझ से परे है सब मिसालें।