सीतलवाड़ एक ऐसी शख्सियत है जिसके परिवार ने ब्रिटिश हुकूमत से लड़ाई लड़ी खुद भी निडरता से अन्याय अत्याचार के खिलाफ लड़ती है पर बीजेपी मोदी शाह इन से क्यों नाराज़ है ?

तीस्ता सीतलवाड़ एक ऐसी शख्सियत है वह निडर है, किसी से नही डरती, चाहे मोदी हो या कोई शाह।

ताकि सनद रहे!
ये वही तीस्ता सेतलवाड़ हैं जिनके बाबा एमसी सेतलवाड़ देश के पहले अटॉर्नी जनरल थे।

ये वही तीस्ता सेतलवाड़ हैं जिनके परबाबा चिमणलाल हरिलाल सेतलवाड ने जालियावाला बाग में 400 हिंदुस्तानियों को मार देने वाले जनरल डायर के खिलाफ ब्रिटिश अदालत में मुकदमा लड़ा और डायर को कोर्ट मार्शल कराया, उसे डिमोट कराया। इनके परबाबा डा. भीमराव आंबेडकर के बहिष्कृत हितकारिणी सभा के फॉऊंडिंग प्रेसिडेंट थे!

ये वही तीस्ता हैं जो दंगो में मारे गए सैकड़ो हिंदुओ के न्याय की लड़ाई ही नहीं लड़तीं, बल्कि दर्जनों की शिक्षा दीक्षा का काम भी देखती हैं। मुम्बई बम ब्लास्ट 1993 में मारे गए “हिंदुओ” की लड़ाई भी तीस्ता ही लड़ीं, सरकार से मदद दिलाई। उन्हें कोई हिन्दू नहीं मानता क्योंकि ब्लास्ट में मरने वाले ठेले खोमचे वाले और आम नागरिक थे।

उनका
पूरा परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी आम लोगों की लड़ाई लड़ता रहा है। तीस्ता के पिता भी जाने माने बैरिस्टर थे और जनहित के मुद्दों पर लड़ने के लिए जाने जाते हैं।ये लोग देश भक्ति का ढोंग नहीं करते, इनकी तीन पीढ़ी आम लोगों के लिए गोरे अंग्रेजों से लड़ी है और स्वतंत्रता के बाद की पीढ़ी काले अंग्रेजों से लड़ रही है।

संवाद: अफजल इलाहाबाद

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