शिक्षक से ही संभव है सभ्यता, संस्कृति और संस्कार ;डॉक्टर अजवानी,शिक्षक दिवस पर हुआ शिक्षकों का सम्मान,

तकीम अहमद स्वंवाददाता

महाविद्यालय में आयोजित हुआ कार्यक्रम

जुन्नारदेव – शिक्षक ही एक श्रेष्ठ समाज का रचियता है वह विद्यार्थियों में सभ्यता संस्कृति और संस्कार को समाहित करता है और एक योग्य व्यक्तित्व का निर्माण करता है। आज के इस आधुनिक युग में जहां शिक्षकों के मान सम्मान में लगातार कमी आ रही है वही समाज भी अपनी सार्थक दिशा से भटकता जा रहा है।

आज का समय गुरुओं के पूर्ण सम्मान का है जहां पर गुरु को श्रेष्ठता की पदवी पर ही रखना चाहिए। प्राचीन काल से ही गुरुओं को ईश्वर तुल्य सम्मान मिलता आया है और एक श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण शिक्षक के द्वारा ही संभव है। इसलिए शिक्षक से ही सभ्यता संस्कृति और संस्कार संभव है।

विद्यार्थी अपने गुरुओं का सम्मान करें आदर करें और उनसे शिक्षा ग्रहण करें यही एक अच्छे विद्यार्थी के गुण है और एक अच्छा शिक्षक अपने विद्यार्थियों को सर्वगुण संपन्न बनाएं यही एक आदर्श शिक्षक की पहचान है। उक्त आशय की बात शासकीय महाविद्यालय जुन्नारदेव में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षक दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ पी अजवानी द्वारा व्यक्त किए गए।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर पूजन अर्चन और माल्यार्पण उपरांत सरस्वती वंदना के साथ किया गया। इसके बाद महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने अपने शिक्षकों का सम्मान तिलक एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ रश्मि नागवंशी द्वारा गुरु की महिमा का बखान किया गया।

वरिष्ठ प्राध्यापक डॉक्टर ए के टांडेकर द्वारा गुरु की प्राचीन काल से चली आ रही महिमा का बखान करते हुए वर्तमान में भी गुरुओं को श्रेष्ठ स्थान प्रदान किए जाने की बात कही। वहीं छात्र को भी अपने गुरु के प्रति पूर्ण सम्मान की भावना रखने की बात कहते हुए एक आदर्श शिक्षक के गुणों की जानकारी भी दी।
कार्यक्रम के दौरान छात्र योगेश एवं चेताली ने गुरु की महिमा का बखान किया वही छात्रा वंशिता द्वारा शिक्षकों पर शानदार कविता कही गई।

कार्यक्रम का संचालन जैनब खिलजी द्वारा किया गया आभार प्रदर्शन दीपेश ढाकरिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय स्टाफ से डॉ संगीता वाशिंगटन, प्रो आरके चंदेल, प्रो आरडी वाडीवा, डॉ एस के शेण्डे, डॉ कुंजन सिंह सोनगरा, प्रो मनोज मालवीय, डॉ सागर भनौत्रा, डॉ कविता मुकाती, डॉ रीना मेश्राम, डॉ गुंजा माहोरे, प्रो प्रवीण बोबडे, प्रो राहुल भारती, डॉ कैलाश गाकरे, डॉली बरहैया, डॉ यास्मीन बानो, नारद सिंह यादव, राजेश माथनकर, नीलू कहार, प्रियंका साहू, लक्ष्मी प्रसाद नागवंशी सहित समस्त महाविद्यालय स्टाफ उपस्थित था।

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