लोकसेवक का किस अंदाज में धर्म निभा रहे है बहराइच के कलेक्टर इन से सबक ले अन्य अफसर लोग

बहराइच
संवाददाता

दिव्यांग को इंसाफ देने कुर्सी छोड़ खुद दौड़ पड़े डॉ दिनेश चंद्र।
इस कलेक्टर से सीख ले बहराइच के अन्य अफसर।
जी हाँ बहराइच जिले के जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र की मानवीय संवेदना इसी से आंकी जा सकती है,
कि एक कलेक्टर आवाम को अपनी चौखट पर किस तरह इंशाफ देने की जद्दोजहद में जुटा है,
एक कलेक्टर की ये तस्वीर बेसहारा के मंसूबों में सहारा बन रही है।
तस्वीर डीएम बहराइच डॉ दिनेश चंद्र के कार्यालय में जनता दर्शन के दौरान की है,
जब अपनी समस्या के समाधान हेतु कलेक्ट्रेट पहुॅचे दिव्यांग तुलसीराम उर्फ लेंग्गड़ पुत्र सुन्दर लाल की समस्याओं को सुनने के लिये खुद कलेक्टर डॉ दिनेश चंद्र दिव्यांग फरियादी की फरियाद सुनने फरियादी से मिलने अपनी कुर्सी छोड़ कार्यालय के चौखट पर उपलब्ध हुये,
एक लोकसेवक में क्या गुण होना चाहिये निःसंदेह इस कलेक्टर की कार्यशैली मौजूद पीड़ित को महसूस हो गई होगी।
बड़े बड़े तामझाम और लोकसेवकों के अपने प्रोटोकॉल तोड़कर जब एक कलेक्टर आमतौर पर फिर कुछ इस तरह पीड़ित दिव्यांग फरियादी से मिल रहा हो तो सीख जिले के तमाम लोकसेवकों को मिल ही जाती है।
बावजूद फिर भी वहम और अहम में कुछ अधिकारियों के कुनबे आज भी पुराने फार्मूलों में मदमस्त है।
कलेक्टर की चौखट पर जब पीड़ित पहुँचता है निश्चित तौर पर विभिन्न पटलों से निराश होकर ही इस चौखट पर दस्तक देता है।
निराश और हताश को जब एक कलेक्टर कुछ इस तरह मिलता है तो यकीनन फरियादी में प्रसन्नता की कोई सीमा न रह जाती!,
हुआ भी कुछ यूं जब जिलाधिकारी ने देखा फरियादी चलने फिरने से मजबूर है।
तो दिव्यांग व्यक्ति की समस्या सुनने के लिए डीएम डॉ. दिनेश चन्द्र स्वयं गाड़ी छोड़कर अपने कक्ष से बाहर निकलते ही सबसे पहले फरियादी से उसकी पीड़ा सुनी।
फरियादी ने जिलाधिकारी को बताया कि वह ग्राम तमोलीपुरवा, बड़ागॉव, थाना हुज़ूरपुर, तहसील व जिला बहराइच का निवासी है।
दिव्यांग ने बताया कि कुछ लोग उसके खेत में जबरन रास्ता कायम करते हुए उस पर पक्का निर्माण कर रहे है।
फरियादी द्वारा उक्त प्रकरण में राजस्व व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम से जॉच कराकर उचित कार्यवाई कराये जाने की मॉग की गयी।
तत्काल जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर को कार्यवाही कराये जाने के निर्देश दिये,
जिससे मौजूद लोगों में जिलाधिकारी के प्रति एक लोकसेवक की जिम्मेदार तस्वीर साफ दिखाई दी।
लोग लोक इसी तरह अन्य लोक सेवकों से जनकल्याण की अपेक्षा स्वरूप बाते करते दिखाई दे रहे हैं।

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