रेल कर्मियों के रुके हुए रात्रि भत्ते के भुगतान का रास्ता साफ , एआईआरएफ और इसीआरकेयू के संघर्ष से मिली ये सफलता

मो जहांगीर चीफ ब्यूरो

सितम्बर 2020 में रेलवे बोर्ड ने एक आदेश जारी कर 43600 रुपये से ऊपर के वेतन प्राप्त करने वाले रेलकर्मियों के रात्रि भत्ते के भुगतान पर रोक लगा दिया था। पेंशन और कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्रालय द्वारा जारी एक दिशा निर्देश के तहत रेलवे बोर्ड ने उक्त रोक लगाई थी।

रेलकर्मियों के सबसे बड़े श्रमिक संगठन ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन और पूर्व मध्य रेल में एकमात्र मान्यता प्राप्त संगठन ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने इस रोक का पुरजोर विरोध किया। ईसीआरकेयू ने विभिन्न स्थानों पर धरना प्रदर्शन और फोरम के समक्ष मांगपत्र सौंप कर रेलवे में कार्यरत सभी योग्य कर्मचारियों को उनकी आवश्यक और सघन रात्रि भत्ते के निर्धारित दरों पर भुगतान करने की मांग जारी रखी।

उधर एआईआरएफ के महामंत्री तथा संयुक्त परामर्श दात्री राष्ट्रीय संस्था के संयोजक श्री शिव गोपाल मिश्रा ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रेलवे बोर्ड, रेलमंत्री, वित्त मंत्री, पेंशन और कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्रालय के साथ साथ वित्त मंत्रालय के समक्ष रेलकर्मियों के कार्य प्रकृति के आधार पर रात्रि भत्ते के भुगतान की आवश्यकता को विवरण सहित प्रस्तुत किया। लम्बे संघर्ष के साथ विभिन्न चरणों में किए गए प्रयासों का सुखद परिणाम मिला।

बुधवार 13 जुलाई को रेलवे बोर्ड के सचिव ने एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा को सूचित किया है कि रात्रि भत्ते के भुगतान की स्वीकृति वित्त मंत्रालय से मिल गई है और जल्द ही इसके भुगतान के आदेश रेलवे बोर्ड द्वारा जारी कर दिया जाएगा।

इससे 43600 और इससे ऊपर के वेतन प्राप्त करने वाले लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मैनेजर, पर्यवेक्षक तथा अन्य सभी रेलकर्मियों को रात्रि भत्ते का भुगतान फिर शुरू हो जाएगा. इस समाचार से सभी रेलकर्मियों और ईसीआरकेयू के केंद्रीय अध्यक्ष डीके पांडेय, शाखा सचिव ए के दा और मीडिया प्रभारी एन के खवास मैं संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए कहाँ है कि यूनियन का संघर्ष से मिली सफलता परिणाम है।

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