योगी ये कैसा है तेरा इंसाफ ? उत्तर प्रदेश की पुलिस को संविधान की कोई परवाह नही अमनपसंद आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा ऐसे क्यों बरपा है जुल्मोसितम ? जाने !

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रिपोर्टर:-

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के घंटाघर में आंदोलनकारियों के बढ़ते प्रभाव को देख पुलिस ने खाने पीने की दुकानें तक बंद कराई।
प्रदर्शनकारियों के खाने पीने का सामान जब्त कर लिया है।
यहांतक प्रदर्शनकारियों के कम्बल बिछौना भी जबरन उठा ले लिया गया।

उत्तर प्रदेश की पुलिस लगातार एक के बाद एक गुंडागर्दी पर उतारू है।
मगर योगी सरकार सब देख कर खामोश है?
संविधान द्वारा प्रदत्त देश के हर नागरिक को अपनी बात रखने व शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार प्राप्त है।
उसके बावजूद सत्ता पक्ष के इशारों पर लगातार संविधान द्वारा दिये गए मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है!
एक ओर जब कोई भी आम नागरिक CAA के विरोध में शांतिपूर्वक धरना देते हैं तो वहाँ पर धारा 144 लगा दी जाती है।

तो वहीं दूसरी ओर जब सत्ता पक्ष के नुमाइंदे CAA के समर्थन में रैली करते हैं तो धारा 144 हटा दी जाती है या फिर प्रशासन द्वारा उन्हें पूरी स्वतंत्रता,पूरी तरह से छूट दे दी जाती है?
ये कैसा इंसाफ है?  शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारीयोके साथ उत्तर प्रदेश सरकार का ये रवैया भेदभाव पूर्ण है जो कि संविधान विरोधी है?

संविधान सभी के लिए बराबर होना चाहिए। इतना ही नहीं देश का संविधान हर किसी को शांतिपूर्ण तरीके से प्रोटेस्ट करने का अधिकार देता है।
लेकिन यहाँ पर तो कुछ खेल ही निराला है।
कुर्सी के घमण्ड ने सारे Law & Order को ताक में रखकर काम करवाने पर हर किसी को मजबूर व बेबस कर दिया है!

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