ये वो सुरमा और हुक्मरान थे जिन के दौर में भारत सबसे ज्यादा मजबूत और खुशहाल था लेकिन आज के दौर में कुछ राजनेताओं ने असली सच को महज उलट पलट कर उन्हे बदनाम करने का छड़यंत्र रचा है

शहेंशाह ए हिंद सुल्तान औरंगज़ेब आलमगीर और शेर ए हिंद हज़रत टीपू सुल्तान शहीद।
ये वो सुरमा और शासक थे जिन के दौर में भारत सबसे ज़्यादा मजबूत और सबसे ज़्यादा खुशहाल था।
हज़रत औरंगज़ेब आलमगीर वो शहेंशाह थे जिन्होंने आधी सदी इंसाफ के साथ भारत पर राज किया,

जिनके पास दौलत की कोई कमी नही थी, उनकी सेना इतनी मजबूत थी कि छोटे मोटे बादशाह और राजा तो दूर, अंग्रेजों को भी उन्होंने अपने सामने घुटनों पर चलवाया। सीमाएं इतनी बड़ी कि बर्मा से बदख्शां तक ​​और कश्मीर से लेकर दक्कन की अंतिम सीमा तक फैली हुई थी। इंसाफ का ये आलम था कि कोई आम गरीब इंसान भी बादशाह औरंगजेब के दरबार मे आकर इंसाफ पा लेता था, तमीरात ऐसी करवाई के आज भी दुनिया हैरानी से देखती है, और सादगी ऐसी के शाही दौलत से एक पैसा भी अपनी ज़ात पे खर्च नही किया।

टोपी बुन कर और कुरान मजीद के नुसके लिख कर जो आमदनी होती उस हलाल की कमाई अपनी ऊपर खर्च की, यहाँ तक कि अपने कफ़न के लिए भी उसी कमाई को इस्तेमाल करने की वसिय्यात की, भारत की सरहदों को ना सिर्फ फैलाया बल्कि मजबूत भी किया, खुशहाली इतनी लायी कि GDP बढ़ कर 24 % हो गई, सेना में सभी धर्म के लोगों की भागीदारी, टैक्स में गरीब, बूढ़े, यतीम, औरत को छूट, चोरी, डाकाज़नी, अपराध, नशा इन सब को सफलता से रोका,नई बस्तियां बसाई जहाँ सड़कें, इमारतें, ब्रिज, सरायें बनाई, गरज जितनी तारीफ की जाए, जितनी खूबियां बताएं वो कम है।

अब आते हैं दूसरे महान शक़्स हज़रत टीपू सुल्तान शहीद पर।
टीपू सुल्तान वो महान शासक थे जिनके जीते जी अंग्रेज़ भारत पर कब्ज़ा नही कर पाए, अंग्रेजों से कई बार जंग लड़ी , अपने बच्चों को अंग्रेजों की कैद में रखा, लेकिन कभी अंग्रेजों से माफी नही मांगी, आज़ादी के साथ कोई समझौता नही किया, आखरी सांस तक जंग लड़ी और आखिर में अपने देश की आज़ादी के लिए लड़ते हुए अपनी जान कुर्बान कर के शहादत का मर्तबा पा लिया
सलाम है ऐसे नेक जांबाज योद्धा टीपू सुल्तान पर जिन्हें शेर ए मैसूर और शेर ए हिंद कहा जाता है, इन्होंने हमेशा हिंदू और मुसलमान को अपनी दो आँखें समझा, उनके साथ बराबर का इंसाफ किया, देश को खुशहाल किया, यहाँ तक कि पिछड़े लोगों से स्तन टैक्स लिया जाता था उस कुप्रथा को बंद करवाया।

मिसाइल की खोज का सेहरा भी हजरत टीपू सुल्तान r a के सर जाता है उन्हें फर्स्ट मिसाइल मैन भी कहा जाता है, अभी हाल ही में लंदन में उनकी तलवार की नीलामी ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
इन महान शासकों में इतनी खूबियां है जिन्हें गिनवाने में बहुत वक्त लग जाएगा। लेकिन आज के दौर में इन शासकों का गलत इतिहास बताया जा रहा है जिसका केवल एक ही कारण है कि इनको बुरा दिखाओ और वोट हासिल करो, इनके नाम को खराब कर के कई राजनीतिक दल अपनी रोज़ी रोटी चला रहे है।

जिन्हें भी इनके बारे में जानकारी लेनी है किताबें पढ़ कर जानकारी लें, व्हाट्सअप पर परोसी जा रही फ़र्ज़ी झूटी कहानियों पर विश्वास ना करें, इनका जुर्म सिर्फ इतना ही है कि ये ना सिर्फ मुसलमान थे बल्कि अपनी धर्म का पूरी तरह से पालन करते थे हालांकि इन्होंने दूसरे धर्मों पर कोई बंदी नही लगाई न किसी को उनके धर्म के पालन से रोका ना किसी के धर्म की कभी बुराई की।,

लेकिन अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए आज के दौर में महज इन्हें निशाना बनाया जाता है, इनका सही मुकाम नही दिया जाता, वहीं अगर ये मुसलमान ना हो कर कोई और धर्म के होते तो आज इनका जयजयकार होता, इनके ऊपर मूवीज बना कर इनकी तारीफों के पुल बांधे जाते, इनके जन्म दिन पर जल्लोष किया जाता महोत्सव के रूप में मनाया जाता। लेकिन अफसोस इन इतिहास के बादशाहों को गलत तरीके से पेश कर के इतिहास को बदलने की कोशिश हो रही है जो कि ऐसे नही होना चाहिए, इस आज़ाद भारत मे हर कोई अपनी पसंद का इज़हार कर सकता है, कोई नापसंद भी कर सकता है, लेकिन इतिहास के नाम पर आज के समय मे हालात खराब करना ठीक नही, सभी को मिल जुल कर रहना और भारत को मजबूत करना हम सब का फर्ज बनता है ।

संवाद;मोहमद

दादासाहब पटेल

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