महाराष्ट्र पुलिस दल में महिलाओंको क्यों नही मिल रहा बराबरी का अधिकार? जाने पूरा तफसील !

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रिपोर्टर:-

मुंबई महिला शक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार ,राज्य सरकारें तथा नेता लोग बड़ी बड़ी बातें तो करते रहते है।
बताया जाता है कि
हाल ही में 2 जनवरी को महाराष्ट्र पुलिस दल का 59 वा स्थापना दिवस मनाया गया।
।किंतु आज भी महाराष्ट्र पुलिस दल में महिलाओंकी अनदेखी हो रही है।
हकीकत तो ये है कि महिलाओं को लेकर सरकार खुद ही अनदेखी कर रही है?
ये हम नही कह रहे है बल्कि ये खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम से हुआ है!
जानकारी के मुताबिक मुंबई पुलिस विभाग के लिए एक पुलिस आयुक्त,5 संयुक्त पुलिस आयुक्त, 11 अतिरिक्त पु.आयुक्त, और 40 पुलिस उपायुक्त के पद मंजूर किये गए है।
गौर तलब है कि मौजूदा वक्त में पुलिस आयुक्त के पद पर सिर्फ पुरुष अधिकारी का कब्ज़ा है।
इसी तरह संयुक्त पुलिस आयुक्त और अतिरिक्त पु. आयुक्त के पदों पर पुरुष अधिकारियों का कब्ज़ा है।
वहीं मात्र 40 पुलिस उपायुक्त में से सिर्फ 6 पदों पर महिला अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
ये कहना गलत नही होगा कि 57 आईपीएस अधिकारियों के पदों में सिर्फ 6 महिला IPSअधिकारियों की नियुक्ति की गई है!

वहीं Acp के कुल 125 पद मंजूर किये गए है।
फील हाल वक्त में सिर्फ 77 ACP कार्यरत है।जिनमे 72 पुरुष तथा 5 महिला अधिकारियों की नियुक्ति कराई गई है। आज़ भी 48 पद खाली पड़े है।
अगर पुलिस अधिकारियों की बात करे तो कुल5383 पुलिस अधिकारियों के पद मंजूर किये गए है।
मगर वर्तमान में सिर्फ 3910 पुलिस अधिकारी ही कार्यरत है।
जिसमे 3343 पुरुष तथा 417 महिलाअधिकारी शामिल है।
लिस्ट में दिए गए पुलिस अधिकारियों में पुलिस निरीक्षक, सहाय्यक पु निरीक्षक पीएस आय शामिल है।
आज़ भी 1473 पु अधिकारियों के पद खाली पड़े है।
इसी तरह ACP के कुल 125 पद मंजूर किये गए है।वर्तमान में कुल 77 पद पर कार्यरत है।
जिनमे 5 महिला छोड़ कर बाकी के पुरुष शामिल है।
DCP के कुल 40 पद मंजूर किये गए है।जिनमे 6 महिला बाकी पुरुष कार्यरत है।

उधर मंजूर किये गए पीआई के कुल 1044 पदो में से फिल्हाल 854 कार्यरत है।
जिसमे 773 पुरुष और 81 महिला शामिल है।
अभी भी 190 पद खाली पड़े है।
सहाय्यक पु निरीक्षक के कुल1087 पद मंजूर किये गए है।जिनमे केवल721 कार्यरत है।
जिस में647 पुरुष तथा74महिला शामिल है। 366 पद रिक्त पड़े है।
पीएस आई के कुल 3252 पद मंजूर किये गए है।वर्तमान में केवल 2335 कार्यरत है।
जिसमे 2013 पुरुष और 322 महिला शामिल है।
कुल 917पद खाली है।
सहाय्यक फौजदार, पु हवलदार , पु नाइक तथा पुलिस सिपाही ।के पद ऐसे है जिसमे कुल 17400 ड्यूटी पर है।
इस मे14765 पुरुष और2645 महिला शामिल है।
जब कि महिलाओं को सरकारी विभाग में 33 %आरक्षण दिया गया है।

लेकिन सही मायने में महिलाओं की नियुक्ति नही की जा रही है क्यो? ये अहम सवाल है।
मुंबई पुलिस महकमे में महिलाओं की कुल तादाद तकरीबन 12%ही आंकी गयी है।
सरकार अगर महिलाओं की भलाई की बात करे तो इतने सारे पद रिक्त है महिलाओं को उस पर कार्यरत कर सकती है।लेकिन अनदेखी हो रही है?
जिस के ज़रिए बेरोज़गारी का आंकड़ा कुछ कम कराया जा सकता है।

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