पूरा देश मोदी से पूछना चाहता है कि राम माधव के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई और चौधरी सतपाल मलिक जी को क्यों अपमानित किया गया है?

चौधरी श्री सतपाल मलिक पूर्व राज्यपाल जम्मू एंड कश्मीर प्रदेश, ने राज्यपाल होते हुए एक गहरा भेद खोला था। वह था कि उन्हें ₹ 300 करोड की रिश्वत दी जा रही थी और इस रिश्वत की पेशकश करने वाला था RSS का एक बड़ा नेता और यह बात उन्होंने प्रधानमंत्री को भी बता दी थी । अब उन्होंने RSS के उस बड़े नेता का नाम भी बता दिया वह हैं वह है राम माधव जो आर एस एस के बड़े नेता के साथ साथ बीजेपी के लिए बहुत बड़ा थिंकटैंक है। सलाह, मशविरा भी देता हैं , सुझाव देता हैं।

इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी भी चुप है और राम माधव खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही। न्याय तो यह कहता है कि फौरन मुकदमा दर्ज़ किया जाए राम माधव के खिलाफ ।और प्रधानमंत्री मोदी से भी पूछा जाए कि उन्होंने इस राज को दबाए क्यों रखा? कानूनन रिश्वत की पेशकश करना भी जुर्म है।

तकलीफ की बात यह है कि बजाए इस बात के लिए श्री सतपाल मलिक साहब को शाबाशी दी जाती उन्हें सजा दी जा रही है तो उनको राज्यपाल पद से हटाकर घर बैठा दिया गया है। अब उनको उचित सिक्योरिटी भी नहीं दी जा रही ।चौधरी सतपाल एक महान किसान नेता हैं । चौधरी चरण सिंह जी जैसी बातें करते हैं , विचार रखते हैं , हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। लेकिन किसानों का साथ नहीं छोड़ेंगे।

ऐसे में देश मोदी सरकार से पूछता है कि राम माधव के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है और चौधरी सतपाल मलिक जी को क्यों अपमानित किया गया है? अगर सतपाल मलिक सच बोल रहे हैं तो यह दावे से कहा जा सकता है कि 300 किलो RDX अडानी के पोर्ट पर आया, गुजरात नंबर की गाड़ी में पुलवामा पहुंचा और RAW एजेंट DSP देविंद्र सिंह से रास्ते क्लीयर करवाए! जांच होनी चाहिए।

संवाद;
पिनाकी मोरे

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