जाने हंगामे के बाद बिहार में पारित राज्य में NRC क्यों नहीं लागू करने का प्रस्ताव ?

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रिपोर्टर:-

बिहार विधानसभा में भारी हंगामे के बीच संकल्प प्रस्ताव पारित किया कि राज्य में नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं किया जाएगा।

विधानसभा ने यह भी प्रस्ताव पारित किया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को 2010 के प्रारूप में संशोधन के साथ लागू किया जाएगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में जानकारी दी कि सरकार ने केंद्र को फॉर्म से कुछ क्लॉज हटाने के लिए खत भी लिखा है।
इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में एनआरसी/एनपीआर लागू नहीं करने की उनकी मांग पर विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कराया गया।
उन्होंने लिखा, ‘एनआरसी/एनपीआर पर एक इंच भी नहीं हिलने वाली बीजेपी को आज हमने 1000 किलोमीटर हिला दिया।
बीजेपी वाले माथा पकड़े टुकुर-टुकुर देखते रह गए। संविधान मानने वाले हम लोग सीएए भी लागू नहीं होने देंगे।’

इससे पहले सदन में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार हो गई।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने ‘काला कानून’ बताया था जिसपर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामा हुआ, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
यहां तक कि सदन में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक भाई वीरेंद्र और मंत्री प्रमोद कुमार के बीच हाथापाई की नौबत आ गई।

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