क्या कमलनाथ सरकार ने भी मध्‍य प्रदेश में NPR लागू नहीं करने का किया ऐलान ?

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रिपोर्टर:-

मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि एनपीआर की अधिसूचना नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत नहीं की गई है।

एमपी में जारी एनपीआर की अधिसूचना नागरिकता संशोधन अधिनियम-1955 की नियमावली 2003 के नियम 3 का तहत है।
भोपाल। कमलनाथ कैबिनेट ने नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने का संकल्प पारित करने के बाद अब दूसरा बड़ा ऐलान किया है।
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लागू करने से इनकार किया है।
सरकार ने साफ कहा है कि एनपीआर की अधिसूचना जारी होने के बाद जिस तरह का संशय बना है।
उसके बाद सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होगा।

जबकि प्रदेश सरकार ने 9 दिसंबर 2019 को जारी अधिसूचना के मामले पर कहा है कि केंद्र सरकार ने प्रदेश में एनपीआर की अधिसूचना जारी होने के बाद सीएए जारी किया है और सरकार का स्पष्ट मत है कि प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होगा।
मध्‍य प्रदेश सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि एनपीआर की अधिसूचना नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत नहीं की गई है।
एमपी में जारी एनपीआर की अधिसूचना नागरिकता संशोधन अधिनियम-1955 की नियमावली 2003 के नियम 3 का तहत है।
बावजूद इसके सरकार ने अब तय किया है कि फिलहाल प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होगा।
दरअसल, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चेतावनी दी थी कि एनपीआर का वो खुला विरोध करेंगे।
साथ ही उन्‍होंने राज्य सरकार से भी ये मांग की थी कि एनपीआर को लेकर गजट नोटिफिकेशन को रद्द किया जाना चाहिए।

अगर एनपीआर लागू किया जाता है तो इसके खिलाफ विरोध तेज होगा।
भोपाल में 24 से 30 फरवरी के बीच बैठक कर सीएम कमलनाथ को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
आरिफ मसूद ने घरों के बाहर नो सीएए नो, एनपीआर चस्पा करने का भी ऐलान किया था।
कमलनाथ सरकार इससे पहले कैबिनेट बैठक में नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने का संकल्प पारित कर चुकी है।
संकल्प में मांग की गई थी कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को निरस्त किया जाए।
इससे पहले केरल, पंजाब, राजस्थान विधानसभा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी है।
जबकि अब कमलनाथ सरकार ने ऐलान कर दिया है कि प्रदेश में जनगणना के लिए जारी एनपीआर की अधिसूचना को अमल में नहीं लाया जाएगा।

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