कोविड के संक्रमण काल मे UPPCL की नीतियों से उपभोक्ता अधिकारी, कर्मचारी सभी त्रस्त?

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लखनऊ : कोरोना जैसी महामारी के दौर में उ प्र पावर कार्पोरेशन की दोहरी नीति की मार से जहा एक ओर उपभोक्ता पूरी तरह त्रस्त नजर आ रहा है।

वही दूसरी ओर विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारीयो में हाहाकार जैसी स्थिति उत्तपन्न होती नजर आ रही है।
हालात यह है कि विभागीय लोगो को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है।
क्योंकि एक तरफ कुआ है तो दूसरी तरफ खाई! जिसका मुख्य कारण वर्तमान समय मे चल रही ओटीएस योजना ,अनमीटर से मीटर्ड योजना ,
आये दिन होने वाली समीक्षक जैसे विधानसभा की किसी भी कमेटी की समीक्षा जिसकी वजह से अधिकारीगण तो छोड निदेशक भी अपने दफ्तरो मे अपने अधीनस्थ को दौडाते दिख जाएगे ।

जिस कोविड के संक्रमण काल मे उसके लक्ष्य की प्राप्ति एक बड़ी चुनौती के रूप मे सामने खड़ी नजर आ रही है।
जिसने लक्ष्य की प्राप्ति कर लिया है उसे भी हर दिन की होने वाली बडका बाबूओ की वीडियो कांफ्रेसिंग में प्रतिदिन प्रगति रिपोर्ट देनी है और जो लक्ष्य से पीछे है।
उनको आरोप पत्र और सस्पेंशन की कार्यवाही से नवाजते हुए स्थानांतरण की कार्यवाही की मार झेलनी पड़ रही है।
और दूसरी ओर लगातार विभागीय अधिकारी,
कर्मचारी के साथ साथ संविदाकर्मियों के लगातार संक्रमित होने की खबरे शक्तिभवन से लेकर सभी डिस्कमो से लगातार मिल रही है।

इस नीतिगत दबाव के कारण विभागीय अधिकारियों का पूरा गुस्सा उपभोक्तओं पर उत्पीड़न की कार्यवाही के रूप में देखने को मिल रहा है।
जिससे उ प्र सरकार की लोकप्रिय छवि में बट्टा लगते नजर आ रहा है।
वैसे भी विभाग के मुखिया अवैध रूप से नियुक्त बड़केबाबू अपने आलीशान दफ्तरों से बगैर किसी बात की परवाह किये वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से VC-VC खेलते नजर आ रहे हैं।
वैसे पंचायत चुनाव भी हो रहे है ग्रामीण क्षेत्रो मे। जब वसूली करने अधिकारीगण या कर्मचारी जाते है तो विरोध का सामना करना पडता है।

एक तरफ तो कोरोना की वजह से जनता के रोजी रोजगार, काम धन्धे सब बन्द होने की कगार पर है।
और दूसरी तरफ बिजली के बिलो को देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है!
जबकि लोगों की हालत कंगाल और बेहद ही खस्ता है।
आखिर जनता के पास धन कहा से आयेगा और जब जनता के पास ही धन नही होगा तो वो बिजली का बिल कहा से जमा करेगी और जब बिल नही जमा होगा तो कर्मचारियो को लक्ष्य कैसे पूरा होगा?
लक्ष्य पूरा नही होगा तो कार्रवाई होगी या तो स्थानांतरण होगा चार्जशीट मिलेगी या फिर निलंबन होगा ।

खैर युद्ध अभी शेष है !

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