इस तरह से ये नुमाइश महज इस्लाम में औरतों की कतई परदादारी नही है बल्कि खुलेआम , उड़ाई जा रही है धज्जियां?
एडमिन
इस्लाम मजहब में ये सब मना है लेकिन इन्हे इस का कुछ भी खौफ नहीं ? कि इस्लाम में औरतों के पर्दादारी की कितनी अहमियत है।
लेकिन यहां का तो माहौल ही कुछ अजीबो गरीब देखने जैसा है जो शर्मसार हो रहा है।
जब भी उर्दू नाम धारियों के पास पैसा आता है तो ये लोग ऐसे पागल हो जाते हैं कि उलूल जुलूल हरकतें करने लगते हैं,
हैदराबाद में अबाया/नकाब/हिजाब का फैशन शो चल रहा है,
जहां एक तरफ जानलेवा करोना महामारी के बाद हजारों लोग बेरोजगार हो गए है। दाने दाने को तरस गए है।
घर के माली हालात खराब हैं,दवाई इलाज के लिए, बच्चो के स्कूल फीस के लिए, राशन के लिए या घर परिवार के पेट भर की रोटी चलाने लिए परेशान हैं।
वहीं कुछ पैसे वाले उर्दू नाम धारी हिजाब फैशन शो के नाम पर मुस्लिम लड़कियों को कैटवॉक करवा रहे हैं। कितना अफसोस होता है ये सब देखकर।
जहां एक तरफ इनकी कौम में 20% से ज्यादा आबादी 1 वक्त के खाने कमाने के लिए जद्दोजहद कर रही है।
और ब मुश्किल से गुजारा हो रहा हो,
वहां मुस्लिम औरतें 20 से 50 हज़ार का नक़ाब हिजाब अबाया पहनेंगी महफिल में अपनी शान दिखाएंगी!
जिन औरतों को आज के इस बुराई और न इंसाफी के दौर अपनी कोख से सलाहुद्दीन अय्यूबी/मुहम्मद बिन कासिम जैसे लोग पैदा करना चाहिए वो औरतें फैशन और बेहयाई के कामों में लगी हुई है। ये
कितनी बेगैरत की बात है? जहां तक औरतों को परदादारी का सबक दिया गया है, लेकिन इसके खिलाफ बेपरदादरी को खुले आम अंजाम दिया जा रहा है?