लो फिर शुरू हो गया संघर्ष समिति बनाम चाटुकार दल,जानिए क्या है पूरा मामला?

वाह रे उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन

लखनऊ 16 मार्च वैसे तो आज लखनऊ मे शीतला अष्टमी की छुट्टी थी और लगभग सारे सरकारी कार्यालय बन्द थे तो कार्यबहिष्कार का क्या हुआ यह तो कहना मुश्किल है वैसे चर्चा है कि कही कही कैश काउन्टर खुले थे और फिल्ड हास्टल पर जमावडा लगा था तो हम भी पहुच गये फील्ड हास्टल तो देखा हमारे सहयोगी सयुंक्त संघर्ष समिति के सयोजक का साक्षाकार ले रहे है उसी साक्षात्कार मे उनके मुह से सुनने को मिला कि मंत्री जी ने समझौता मानने से इनकार कर दिया है।

वैसे यह बात तो हम अपने 27 जनवरी के लेख मे पहले ही कह चुके है जो जो बात मैने अपने 27 जनवरी के लेख मे लिखी थी वो सभी बाते सच होती दिखाई दे रही है जैसे मशाल जलूस से पहले विद्युत मजदूर संगठन का अवैध रूप से नियुक्त बडका बाबू को जा कर अपने को इस आन्दोलन से पहले ही अलग कर देने की घोषणा और एक ऐसे सगठन का भी मैने पहले ही बता दिया था कि वो दो घण्टे ज्यादा काम करेने की हर बार की तरह इस बार भी घोषणा करेगे और अपनी फोटो भी वायरल करेगे और हुआ भी ठीक वैसे ही।

लेकिन दो घण्टे ज्यादा काम करने वाले संगठन जो कि एक विशेष वर्ग का ही प्रतिनिधित्व करता है वो इस बार अवैध रूप से नियुक्त बडका के पास समर्थन का पत्र ले कर नही गया वल्कि उसने मौके पर चौका मारते हुए इस बार फिर पिछली बार की तरह ऊर्जा मंत्री को ही पकड लिया था।

पिछली बार तो जनाब साईकिल वाले मशहूर मंत्री जी के साथ हर समय दिख जाते थे लेकिन इस बार जनाब को इस ऊर्जा मंत्री के पास से लिफ्ट नही मिली ऐसी चर्चा हो रही थी। इनकी जगह विद्युत मजदूर पंचायत के एक नेता ने वो जगह पहले ही हथिया ली थी। मगर इस आन्दोलन के समय इनको मौका मिला।और पहुंच गये मंत्री जी के पास समर्थन पत्र ले कर।

मजे की बात तो यह है कि इनके साथ इनके मशहूर भ्रष्टाचारी साथी भी साथ मे मंत्री के पीछे खडे हो कर के अपनी हाजरी लगा रहे है। शायद उत्तर प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा को यह जताने की कोशिश कर रहे है कि अब हम मंत्री जी की शागिर्दी मे आ गये है अब हमको कोई खतरा नही । वैसे इस बार चाटूकारिता की हद खत्म करते हुए इस दो धण्टे ज्याद काम करने वाले संगठन ने इस बार 24 घण्टे काम करनी की बात कही है। वैसे इस कार्पोरेशन मे चाटूकार बच जाते है और खरा बोलने वाले फस जाते है। जहाँ दो घण्ट ज्यादा काम करने वाले संगठन के भ्रष्टाचारी खुले घूम रहे तो दूसरी तरफ तो आय से अधिक सम्पत्ती मामले मे बिना राज्यपाल की अनुमती के एक कार्यरत निदेशक के ऊपर प्रथम सूचना रपट दर्ज कर उसे गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायालय की शरण मे जाने को मजबूर किया जाता है।

तो दूसरी तरफ प्रमाणित भ्रष्टाचार करने और आर्थिक अपराध शाखा के द्वारा दुबारा जाँच करने पर भी दोषी पाए जाने वाले इस अधीक्षण अभियन्ता पर पहले उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन मे अवैध रूप से विराजमान सबसे बडे वाले तीन तीन कम्पनियो के अकेले अध्यक्ष का आशीर्वाद था अब उसी भ्रष्टाचारी पर क्या मंत्री जी की भी विषेश कृपा होगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा ?

फिलहाल यह लडाई लम्बी चलती दिखाई दे रही है। क्यो कि मंत्री जी और सयुंक्त संघर्ष समिति के बीच वाला पुल तो टूट गया है और मशाल जलूस वाले दिन वह फील्ड हास्टल के बाहर यह कहते नजर आऐ कि हम अब इन लोगो के साथ नही है इन लोगो ने मुझे दरी बिछाने वाला समझ लिया है। वही आज दूसरी तरफ सयुंक्त संघर्ष समिती के पदाधिकारी एक दूसरे को अपनी पहली जीत पर बधाई देते दिखाई दिये कि उनकी एक माग कैशलेस चिकित्सा सुविधा पर मंत्री स्वास्थ्य विभाग से शीघ्र ही बात कर के इस पर आदेश निकालेगे ।

क्या इसी तरह से कम्पनी एक्ट 1956के अन्तर्गत बनी कम्पनियो मे भी यानि पावर कार्पोरेशन और उसकी सभी सहयोगी कम्पनियो मे भी अध्यक्ष व प्रबन्ध निदेशको के लिए मेमोरेंडम आफ आर्टिकल के अनुसार शीघ्र चयन प्रक्रिया के विज्ञापन निकालने के आदेश भी आ जाऐ और इस आन्दोलन का सबसे बडे भागीदार और विभाग की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले सविदा कर्मीयो के वेतन बढने के भी आदेश

आ जाऐ तो यह हडताल शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाएगी। लेकिन यह होता दूर दूर तक नजर नही आ रहा है।चाटूकार अपनी अपनी रोटी सेकने और आग मे घी डाले का काम बखूबी करते नजर आ रहे है । खैर
युद्ध अभी शेष है

संवाद
अविजित आनन्द

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