ये इलाका हमेशा से कांग्रेसीयो की जीत का गढ़ माना जाता रहा है जहाँ वर्तमान दौर के CM को भी पस्त होना पड़ा था तो क्या इस बार भी वही बिबता है ?

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रिपोर्टर.

राधौगढ़ विधानसभा क्षेत्र: दिग्गज नेता एवं विधायक जयवर्धन सिंह बने जनता की पसंद, कांग्रेस के अभेद किले में कभी नहीं खिला ‘कमल’, मुख्यमंत्री शिवराज भी खा चुके हैं मात , मध्य प्रदेश की राजनीति में महलों का दबदबा आज भी कायम है।

लोकतंत्र के रंग में रंग चुके इन रजवाड़ों ने प्रदेश की सत्ता में वर्षों से अपना रसूख कायम कर रखा है, प्रदेश की सियासत में अहम् भूमिका निभाने वाले महलों से निकले यह नेता दोनों ही पार्टियों में अहम् किरदार में हैं!

राजपरिवार के क्षेत्र वाली विधानसभा सीटों पर बह इन्ही नेताओं का प्रभाव है, राजपरिवार के लोग ही यहां चुनाव जीतते हैं !
ऐसी ही एक सीट है गुना जिले के अंतर्गत आने वाली राघौगढ़ विधानसभा , इस सीट पर एक ही परिवार का राज रहा है|

यहां हमेशा कांग्रेस की जीत हुई, बीजेपी कभी इस मजबूत किले को भेद नहीं पाई।
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह और उनका परिवार ही इस सीट पर राज करते आया है!

दिग्विजय सिंह को यहां के लोग राजा साहेब, दरबार, दिग्गी राजा या हुकुम के नाम से पुकारते हैं।
जबकि उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह को छोटे साहब कहा जाता है।

दिग्विजय सिंह पहली बार 1977 में यहां से विधायक बने थे, उसके बाद से कांग्रेस ये सीट कभी नहीं हारी, कांग्रेस के इस अभेद्य किले को भेदने में बीजेपी अब तक नाकाम रही है।

शिवराज भी हार गए थे चुनाव 2003 के चुनाव में दिग्विजय सिंह के खिलाफ शिवराज सिंह चौहान इसी सीट पर चुनाव लड़ा था, उस समय वह चुनाव हार गए थे !
बीजेपी आज तक यहां से ऐसा कोई कैंडिडेट खड़ा नहीं कर पाई जो इस अभेद किले को भेद सके !
हालांकि कहा जाता है कि 2003 के विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह की साख बचाने के लिए उनके पूरे परिवार को चुनावी मैदान में उतरना पड़ा था !

राघोगढ़ का कोई तोड़ नहीं निकाल पाई बीजेपी
2008 चुुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर मूलसिंह दादाभाई लड़े और जीते,  लेकिन 2013 में कांग्रेस ने यहां दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को मैदान में उतारा, वे बीजेपी प्रत्याशी राधेश्याम धाकड़ को शिकस्त देकर पहली बार विधानसभा पहुंचे !

इस चुनाव में कांग्रेस को जहां 98041 वोट मिले वहीं बीजेपी को महज 39837 वोट मिले, इस तरह जीत का अंतर 58204 वोटों का रहा !
कांग्रेस से इस बार भी जयवर्धन सिंह ही टिकट के इकलौते दावेदार हैं !

वहीं बीजेपी हर बार की तरह इस बार किसी नए प्रत्याशी को यहां से उतार सकती है !
राघोगढ़ विधानसभा सीट का भाजपा आजतक कोई तोड़ नहीं निकाल पाई है !

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