मेरा विरोध करने से पहले मेरी तारीफ करते थे , मुझे शादियों में बुलाया जाता और आशीर्वाद भी लेते मेरे विरोधी; बृज भूषण
असली बाहुबली कौन??
अगर आपके दिमाग में अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी का नाम आ रहा है तो आपकी सोच मीडिया की गिरफ्त में है।
17 साल की उम्र में अपने विरोधी पर हैंड ग्रेनेड से हमला, 20 की उम्र में बाबरी मस्जिद शहीद कराने के लिए कारसेवकों को फावड़ा, गैंती उपलब्ध कराना और खड़े होकर गुंबद ओ मीनार तुड़वाना, एसपी ऑफिस में घुसकर SP पर पिस्टल तान देना। दाऊद इब्राहीम से लेकर आतंकियों तक से संबंध रखना।
हत्या का अपराध ऑन कैमरा स्वीकार करना, मंच पर पहलवान को थप्पड़ मारना समेत कुल 86 जिंदा मुकदमे ( सजा एक में भी नही, अधिकांश पुराने मुकदमों में बरी) , 15 एकड़ में कोठी और कोठी में जनता दरबार, 5 बीघे में अस्तबल और घोड़ों की शाही सवारी , 2 हेलीकॉप्टर और एक प्राइवेट जेट के मालिक , 50 से अधिक स्कूल कॉलेज, 11 साल से WFI के अध्यक्ष और 6 बार के सांसद श्री बृजभूषण शरण सिंह असली बाहुबली है। बृजेश सिंह, धनंजय सिंह एवम अन्य कुख्यात बृज भूषण शरण के आगे शीश नवाते हैं।
4 महीने से नाबालिग समेत सैकड़ों यौन शोषण के आरोप लगने के बावजूद किसी सरकार ने खिलाफ कार्यवाही की हिम्मत नही जुटाई। दुनिया में नाम रोशन करने वाले भारतीय पहलवानों को धरना तक देना पड़ा तब भी बाहुबली का बाल न बांका हुआ। अब जाकर दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वो FIR दर्ज करेगी। 86 FIR पहले से ही है एक और सही।
ये है असली बाहुबल का प्रदर्शन जिसके सामने सब नतमस्तक है।
सभी जानकारी दैनिक भास्कर से ली गई है।
बृजभूषण शरण सिंह की प्रेस कान्फ्रेस में यूं कहा:
मैं निर्दोष हूं और हर जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं। मैं जांच एजेंसी को सहयोग करने के लिए तैयार हूं। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मैं SC के आदेश का सम्मान करता हूं.
इस्तीफा देना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन मैं अपराधी नहीं हूं। अगर मैं इस्तीफा देता हूं तो इसका मतलब होगा कि मैंने उनके (पहलवानों) आरोपों को स्वीकार कर लिया है। मेरा कार्यकाल लगभग समाप्त हो गया है। सरकार ने 3 सदस्यीय समिति बनाई है और चुनाव 45 दिनों में होंगे और चुनाव के बाद मेरा कार्यकाल समाप्त हो जाएगा..
हर दिन वे (पहलवान) अपनी नई मांग लेकर आ रहे हैं। उन्होंने एफआईआर की मांग की, एफआईआर दर्ज की गई और अब वे कह रहे हैं कि मुझे जेल भेज देना चाहिए और सभी पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की वजह से सांसद हूं न कि विनेश फोगट की वजह से। केवल एक परिवार और अखाड़ा (विरोध कर रहे हैं) और हरियाणा के 90% खिलाड़ी मेरे साथ हैं..
उन्होंने (पहलवानों ने) 12 साल तक किसी पुलिस थाने, खेल मंत्रालय या महासंघ से शिकायत नहीं की। विरोध करने से पहले वे मेरी तारीफ करते थे, मुझे अपनी शादी में बुलाते थे और मेरे साथ फोटो खिंचाते थे, मेरा आशीर्वाद लेते थे। अब मामला सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली पुलिस के पास है और मैं उनका फैसला मानूंगा।
संवाद
पिनाकी मोरे