महज २३ दिनों के अंदर ही नाबालिक के अपहरण, बलात्कार और हत्या के मामले में इंदौर की कोर्ट ने फैसला सुनाकर एक रिकॉर्ड कायम किया !

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रिपोर्ट:- मेहमूद शेख.

इंदौर जिला न्यायालय ने शनिवार को एक तरह का रिकॉर्ड कायम किया है , भारत के राजवाड़ा में चार महीने की लड़की के बलात्कार और हत्या के मामले में अंतिम सुनवाई और तर्क पूरे किए ! घटना के 23 दिनों के भीतर ही कोर्ट ने मुकदमे की सजा सुना दी !

न्यायाधीश ‘वर्षा शर्मा’ ने फैसला सुनाया की, अपराधी ‘भारतीय दंड संहिता’ के प्रावधानों और यौन अपराध अधिनियम (POSCO) बच्चों की प्रतिबंध के तहत शिशु के अपहरण, बलात्कार और हत्या के लिए दोषी पाया गया ।

न्यायधीश ‘ बर्षा शर्मा ‘ ने मामले की सुनवाई करते हुवे कहा कि मामला “दुर्लभ” श्रेणी में आता है। इसे एक “अमानवीय कार्य” कहा जाता है, उसे यह कहते हुए साफ किया गया था, “ऐसा छोटा बच्चा जो रोने के अलावा कुछ और नहीं जानता था, उसे अमानवीय व्यवहार किया गया ये बेहद शर्मनाक है ।”

पीड़ित अपने माता-पिता के साथ सो रही थी , जो इंदौर के राजवाड़ा किले के बाहर सड़क पर जीवित रहने के लिए गुब्बारे बेचते थे, अपराधी ने पीड़ित को इमारत के खाली बेसमेंट में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। जैसे ही बच्चा रो रहा था, अपराधी ने पकड़े जाने के डर से उसे मार डाला और उसे वही छोड़ कर फरार हो गया था , पीड़ित के मृतिक शरीर को एक दुकानदार द्वारा घंटों गुजर जाने के बाद देखा गया था।

पुलिस ने अपराधी को पकड़ने के लिए क्षेत्र में लगे सारे सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया और उसे गिरफ्तार कर न्यायाधीश ‘वर्षा शर्मा’ की कोर्ट में पेश किया, मामले को गम्भीर देखकर न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद महज 23 दिनों के भीतर ही अपराधी को मामले में दोसी पाया !

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