भिंड में किस कारण रेत माफियाओ में मचा हडकंप, एवम क्यो है दलाल भूखे मरने की स्थिति में?

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रिपोर्टर.

भिंड जिले में ऐसे कितने पत्रकार है, जिनका जनसंपर्क विभाग भिंड में कोई रिकार्ड नहीं है और न ही इन पत्रकारों का किसी समाचार पत्र से संबंध ।

और न ही किसी भी चैनल के लिए कार्य करते हैं ।
मगर रेत के अवैध कारोबार से जुड़े हुए हैं जो शोसल मीडिया के द्वारा पुलिस पर अपना रूतबा गांठने और अनर्गल मिथ्या आरोप लगाकर अपने आप को पत्रकार साबित करना चाहते हैं ।

ऐसे कई फर्जी पत्रकारों की भिंड जिले में बरसात के आने से पहले ही बाढ़ आ गई है?
जो दिन रात भिंड शहर की और जिले की सड़कों तथा गलियों में घूमघूमकर पत्रकारिता के व्यवसाय को कलंकित करने का कार्य कर रहे हैं।

ऐसे फर्जी तथाकथित दलाल पत्रकार जिले के कई स्थानों पर समोसा कचौडी खाने के नाम पर अवैध रेत माफियाओ के शोसल मीडिया पर प्रवक्ता बन गए हैं,!
जो रेत माफियाओ के कहने पर एवं जिले के अंदर कई वर्षों से अवैध रेत के कारोबार से जुड़े हुए हैं।

भिंड पुलिस ने ऐसे तथाकथित फर्जी पत्रकारों के रेत के कारोबार से जुड़े तमाम प्रकार के टैक्टर ट्रालियों और अन्य वाहनों पर पूर्ण रूपेण अंकुश लगाया है,जिससे तथाकथित फर्जी पत्रकार अपने घरों में बनने वाली सब्जी के लिए टमाटर नहीं खरीद पा रहे हैं।

उनका बुरा हाल है। जिले के थानों में पहुंचकर थाना प्रभारियों से टमाटर और गोभी के लिए पैसे माँगने का कार्य करते हैं।

इन तथाकथित फर्जी पत्रकारों के स्वार्थों की पूर्ति नही हो पाने के कारण भिंड जिले की पुलिस पर आरोप लगाने का इनके द्वारा सिलसिला जारी है!

क्योंकि इन खरपतवारों को भिंड का खनिज महकमा पाल रहा है।
और प्रशासन के अंदर कांचुरी में बैठे लोग भी इन्हें पालने का कार्य कर रहे हैं ।
इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। इन खरपतवारों से अपनी वाहवाही व सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का कार्य कराया जा रहा है।
चंबल घाटी में जबसे भिंड जिला बना है तभी से रेत का कारोबार अपनी गति से चल रहा है।

पुलिस पर दाग लगाने वाले छुटभैया नेता पहले अपने ऊपर लगे दाग को मिटाए,जिनके ऊपर स्वयं दाग लगा हो वो दूसरों के ऊपर क्या दाग लगाएगे?

पुलिस के ऊपर दबाव बनाकर अपनी रोजी रोटी चलाने वाले लोगों से आग्रह है कि जिनके घरों में रेत माफियाओ की दम पर जो कांच के शीशे लगाए गए हैं वो लोग उन शीशों को संभालकर रखें,
जिनके घरों में कांच के शीशे लगे हैं वो लोग खाकी के घरों में पत्थर फेंकने का कार्य नहीं करें।
पुलिस की सक्रियता के कारण इन दिनों रेत माफियाओ में हडकंप मचा हुआ है !

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