बालाकोट मामले में मोदी सरकार द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक कहा गया था जिसके कारण भारत और पाक के बीच परमाणु जंग छिड़ने की आशंका आन पड़ी थी मगर सिर्फ सुषमा स्वराज के प्रयासों से टल गई ये आफत !

शीतल पी सिंह

क्या भारत देश सचमुच सुरक्षित हाथों में है ?

यह सवाल इस लिए भी महत्वपूर्ण है कि, बालाकोट मामले में, जिसे सर्जिकल स्ट्राइक कह कर मोदी सरकार अपनी पीठ लगातार ठोक रही थी, के समय भारत और पाक के बीच परमाणु युद्ध छिड़ने की आशंका हो गई थी, पर तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों से, यह विवाद टल सका था।

मोदी का आपरेशन बालाकोट दोनों देशों में परमाणु युद्ध की संभावना तक जा पहुंचा था और तब भारत की मोदी सरकार के भी हाथ पैर फूल गए थे। सुषमा स्वराज ने अमेरिकी प्रशासन के माइक पाम्पियो को फ़ोन करके स्थिति बिगड़ने से बचाने का अनुरोध किया था और अमरीकी हस्तक्षेप से वह विनाशकारी खतरा टला था।
ट्रंप काल के अमेरिका के सेक्रेटरी आफ स्टेट माइक पाम्पियो ने अपनी किताब में यह रहस्य उद्घाटित किया है।

इसके पहले जब अटल बिहारी बाजपेई प्रधानमंत्री थे तब भी भारत और पाकिस्तान युद्ध के लगभग करीब जा पहुंचे थे,तब प्रधानमंत्री के सलाहकार ब्रजेश मिश्रा की पहल पर अमरीका ने हस्तक्षेप करके मामला ठंडा करवाया था।

सचमुच हमने आव देखा न ताव बंदर के हाथ उस्तुरा सौंप दिया है और हमारा सचमुच अब भगवान ही मालिक है। हमारे यहां मूर्खों का इतना बड़ा रेवड़ विकसित हो गया है जिसके लिए परमाणु युद्ध भी बच्चों का खेल है क्योंकि वह ऐसी किसी संभावना के परिणाम से पूरी तरह से इंकार नहीं किया जा सकता है।
संवाद
सज्जाद नोमानी

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