पीड़ित पत्रकार ओ पी श्रीवास्तव साहब की कहानी बनी उसी की जबानी
पुलिस की खामोशी से आरोपी के हौसले बुलंद
बहराइच: घटना के एक सप्ताह गुजरने के बाद भी हाथ पर हाथ धरे बैठी है पुलिस। बताते चलें कि थाना कोतवाली देहात के मोहल्ला सरस्वती नगर में गत २०नवंबर २०२२रविवार को दबंगई के बल पर घर का निकला नाली का पानी गढ्ढे से निकालकर मुख्य गेट के सामने डाल रहे आरोपी की शिकायत ११२डायल कर पुलिस बुला ली थी ।
पुलिस टीम ने मौके पर जाकर आरोपी से कहीं और पानी डालने को कहा और चली गई।साथ ही थाना पर प्रार्थनापत्र देने के लिए पीड़ित से कहा था जिसके बाद आई जी आर एस पोर्टल के माध्यम से गृह विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी।
कोतवाली देहात में भी जाकर २३नवंबर२०२२को शिकायती प्रार्थनापत्र दिया था।प्रार्थना पत्र में आरोपी के मित्र एवम बगल में रह रहे पारले शुगर मिल परसेंडी कर्मचारी द्वारिका प्रसाद वर्मा ने महिला का वीडियो बनाया जबकि महिला पति के साथ गेट पर खड़ी थी।
वर्मा का प्रकरण से कोई लेना देना नही और न कोई घटना हो रही थी जिसका वीडियो बनाना जरूरी था।पीड़ित महिला ने बताया पहले भी उक्त आरोपी एक बार चुपके से वीडियो बना चुका जब वह छत पर कपड़े उठाने गई थी।कपड़े लेकर जब मुड़ी तो वर्मा को उसकी तरफ मोबाइल का कैमरा चलाते देखा ।
जुलाई २२में भी घूरते दिख रहा आरोपी जिसकी फोटो है।सवाल उठता है कि एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी पुलिस अब तक चुप क्यों ?किसी महिला को घूरना,उसकी सहमति के बिना फोटो खींचना,या वीडियो बनाने पर कानून में पर्याप्त कार्यवाही का प्राविधान है फिर इतनी उदासीनता पुलिस पर किसी दबाव को दर्शाती है या कुछ और।पुलिस ने २३एवम २८तारीख में प्रकरण के बारे में महज जानकारी औपचारिकता निभाई
जबकि वीडियो बनाने के आरोपी को बुलाकर पूछताछ करनी चाहिए थी जिससे महिला की गरिमा एवम भावना को आहत करने वाले के खिलाफ समाज में संदेश जाता ।लेकिन यहां पुलिस की उदासीनता से पीड़ित महिला स्वयं को आहत महसूस कर रही।बताया जाता है महिला एक प्रतिष्ठित विद्यालय में शिक्षिका है।अब तक कार्यवाही न होने से आरोपी का मनोबल बढ़ा है।