परिवार की रोजी रोटी कमाने मच्छी पकड़ने हेतु ये हिंदू भाई लोग पाकिस्तान की सरहद में पहुंचे तो इन्हे पाक ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, उसके बाद जो कुछ हो गुजरा ये जानने के लिए इस स्टोरी को यहां क्लिक करे

इतने सारे हिन्दू मच्छीमार बंधुओं को पाकिस्तान ने पकड़ कर चार साल तक जेल की हवा खिलाई याह से उनकी बदकिस्मती समझे

गौर तलब है कि बरसों तक इन मछिमारों को पाक की जेल में कई दिन गुजरने पड़े। जिसकी खबर पाकर. यहां से उन सबको जेल से छुड़ाने की कोशिश मैं एक ज्येष्ठ पत्रकार जतीन देसाई और उनके ‘फुर्रोगामी’ दोस्तों ने अखंड प्रयत्न किए।उनकी कोशिशों के तहत कल की ही रात में इन में से दो सौ हिंदू बंधुओं को वाघा बाॅर्डर से भारत देश में फिर से लाया गया है।

पत्रकार के कुछ पांच पुरोगामी मित्रो की कोशिशों ने कोरोना काल से पूर्व लगभग ढाई वर्षे से लेकर चार वर्षों के समय में अपने भारतीय 600 मच्छिमार बंधुओं को पाकिस्तान हद्द में इंट्री किए जाने के कारण जेल भुगतनी पड़ी, इन में लगभग 398लोगों को छुड़ा कर भारत में ले आने का श्रेय जतीन देसाई साहब को दिया जाता है तथा पाकिस्तान इंडिया पीपलस Forum for Peace and Democracy (PIPFPD)’ इनकी तद्दन फुर्रोगामी संगठन को खासी सफलता मिली है।

बाकी के मच्छीमार कैदियों की भी जल्द से जल्द जेल से रिहाई होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल जतीन देसाई साहेब से बातचीत होने के बाद ही यह पोस्ट लिखी जा रही है।.वह खुद भी स्वतः मुक्त मच्छिमार बंधुओं के साथ तलासरी जा रहे है।

याद रहे कि भाजपा, शिंदे गट, विहिंप, बजरंग दल, भिडे, सनातन संस्था, संघ, अभाविप इन लोगो ने आज तक इन पीड़ित हिंदूं मच्छी मारने वालों की बिबता पर अपनी कृपा दृष्टि की कोई नज़र ए इनायत करने का साहस तक नही दिखाया ना इनकी समस्याओं का किसी ने निवारण करने की कोशिश की।शायद ऐसे सत्ता के भूखे नेताओं ने कभी पीड़ित हिंदू मछिमारो की तरफ कभी मदद का हाथ आगे बढ़ाने की कोशिश की होगी।काश इतने पीड़ित मच्छीमार अपने देशवासी ही होंगे इस बात की भी कोई इन सत्ताधारियों को अबतक खबर है कि नही ? इस बात की कोई जानकारी या अता पता तक भी नही है। ना कोई संबंध है। सिर्फ हिंदू हिंदू कहते कहते हुए सता, हुक्मरानी से इन का सिर्फ मकसद रहा है।

अपने देशवासी हिंदू भाइयों को पाकिस्तान से बचा कर सुरक्षित तौर से इंडिया तक लाने वाले खरे हिंदू है या दंगल फसाद की घटनाओन को सारंजाम देने वाले सच्चे हिंदू है? इस बारे में गौर फिक्र होना लाजमी है।

संवाद;हाजी हैदरमिया शेख

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