जब ट्रेन में सीट देने के बदले टीटीई ने मांगी रिश्वत्। होगया ससपेंड।

भ्रष्टाचारियों की अब खैर नहीं है, क्योंकि अब एक ट्वीट भी उन्हें सस्पेंड करवा सकता है या जेल भेज सकता है. इसकी एक बयानगी तब देखने को मिली जब ट्रेन में एक टीटीई सीट देने के बदले घूस मांग रहा था और यात्री परेशान थे. एक यात्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर रेल मंत्री सुरेश प्रभु और डीएरएम को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. महज दो घंटे के भीतर विजिलेंस वाले ट्रेन में पहुंचे और टीटीई को रंगे हाथों पकड़ लिया.

ट्वीट देखते ही डीआरएम ने रात में विजिलेंस की टीम तुरंत रवाना कर दी. जांच अधिकारी से शिकायत का सत्यापन होने के बाद जांच रिपोर्ट डीआरएम को भेजकर टीटीई को सस्पेंड कर दिया गया. इस पूरी जांच को अधिकारियों ने चलती ट्रेन के अंदर ही अंजाम दिया और टीटीई को अगले स्टेशन पर उतारकर सस्पेंड कर दिया.

बाड़मेर-कालका एक्सप्रेस के एस-6 कोच की घटना

– बाड़मेर-कालका एक्सप्रेस के कोच संख्या एस-6 में यात्री गोविंद नारायण बाड़मेर से बीकानेर जा रहे थे.

– बीकानेर के साले की होली निवासी गोविंद इंजीनियर है और बाड़मेर में एक निजी संस्था में काम करते हैं.

– गोविंद बाड़मेर से कालका एक्सप्रेस के कोच एस-6 में बीकानेर आने के लिए सवार हुए थे.

– वहा कुछ देर बाद टीटीई श्यामपाल आया और यात्रियों से 15-15 रुपये लेकर सीट आवंटित करने लग गया.

– पैसे लेने के बाद वह किसी भी यात्री को रेलवे की रसीद नहीं दे रहा था.

रसीद देने के नाम पर की आनाकानी

– गोविंद से भी पैसे लेकर जब रसीद नहीं दी तो उन्होंने रसीद की बार-बार मांग की.

– इस पर टीटीई ने बीकानेर तक साथ ही जा रहे हैं कहकर टाल गया.

– गोविंद ने इसके बाद रेलगाड़ी के जोधपुर पहुंचने से कुछ पहले अपने ट्विटर हैंडल से रेल मंत्रालय, रेल मंत्री सुरेश प्रभु, पीएम नरेंद्र मोदी और डीआरएम जोधपुर को शिकायत कर टैग कर दिया.

– ट्वीट के कुछ ही मिनट बाद रेल मंत्रालय से ट्वीट आया कि उनकी शिकायत डीआरएम ऑफिस जोधपुर को भेज दी गई है.

चलती ट्रेन में ही पूरी हो गई कार्रवाई

– उसके बाद तुरंत डीआरएम ऑफिस से फोन पर गोविंद से बातचीत की गई.

– इसी बीच ट्रेन जोधपुर स्टेशन पहुंची तो रेलवे के विजिलेंस अधिकारी मुकेश गहलोत ट्रेन के इस कोच में सवार हो गए और एस-6 कोच में गोविंद के पास पहुंचे और बातचीत की.

– जांच अधिकारियों की टीम ने टीटीई श्यामपाल के पास से कैस और रसीदबुक को अपने कब्जे में लिया.

इस जांच के दौरान टीटीई श्यामलाल के पास अधिक रकम पाई गई, जिसके आधार पर जांच कर जोधपुर डीआरएम को जांच रिपोर्ट भेज दी गई।

डीआरएम ने ट्वीट करके टीटीई श्यामलाल के सस्पेंशन के आदेश दिए।

कई यात्रियों से टीटीई ने ली थी घूस

विजिलेंस टीम ने आरोपी टीटीई श्यामपाल से रेलवे की सामग्री जब्त करने के बाद 12 बजकर 45 मिनट पर मेड़ता स्टेशन पर नीचे उतार दिया.

इस पूरी घटना को लेकर गोविंद ने बताया कि उसके सामने कई यात्रियों से बिना रसीद दिए पैसे लिए गए.

लोग भ्रष्टाचार को देखकर भी शिकायत नहीं करते हैं, यह मुझसे देखा नहीं गया.

ट्विटर पर शिकायत करने की जानकारी थी, इसके आधार पर मैंने शिकायत की.

थोड़ी देर बाद अधिकारी ने मुझसे संपर्क किया और ट्रेन में मेरे पास आए.

टीटीई श्यामलाल जांच में दोषी मिले और उनपर कार्रवाई की गई.

शिकायत करने में लग रहा था डर

गोविंद ने कहा कि शिकायत करते समय मुझे थोडा डर लग रहा था कि कही जांच अधिकारी मेरा टिकट न फाड़ दे और बेटिकट यात्रा में मुझे कहीं फंसा न दे. इसलिए मैंने भी अपने टिकट की फोटो लेकर अपने भाई को मेल कर दी ताकि वह टिकट सेव रहे. मगर जैसा सोचा वैसे नहीं हुआ. जांच अधिकारी ने मेरा पूरा सहयोग किया. शिकायत पर रेलवे ने तुरंत कार्रवाई की. ऐसा करके हम भ्रष्टाचार को खत्म करने में योगदान देने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भागीदारी कर सकते हैं।

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