छिंदवाड़ा जनजातीय शिक्षा विभाग अपनी गलतियों को सुधारने की बजाए कलेक्टर महोदया के आदेशों को कर रहा खुला चेलेंज,जाने क्या है पूरा मामला?

छिन्दवाड़ा जनजातीय शिक्षा विभाग अपनी गलतियों को छोड़ सुधारने का नाम नहीं ले रहा है। बज़ाय कलेक्टर महोदया के आदेश को दे रहा है चुनौती

छिंदवाड़ा। जनजाति कार्य विभाग में अनोखा कारनामा आया सामने, नियम विरुद्ध की थी बीओ की नियुक्ति
कलेक्टर को गुमराह कर करवा दी अपात्र प्रधान पाठक की विकासखंड अधिकारी पद पर नियुक्ति, मामला जुन्नारदेव विकास खण्ड का
इस मामले की कलेक्टर को हुई शिकायत।,जांच के आदेश,

एडी उमेश सातनकर ने कलेक्टर के आदेश को किया चैलेंज। सहायक संचालक खुद बने कलेक्टर, बीईओ ओपी जोशी को बचाने कर दी जांच कमेटी गठित। अपने ही मातहत को समिति का सदस्य बनाकर मामले को रफा दफा करने की तैयारी। मूकदर्शक बने जनजाति कार्य विभाग के मुखिया, लेनदेन की चर्चा जोरों पर।

जुन्नारदेव विकाशखण्ड का एक और नया कारनामा घाना उमरी संकुल की प्राचार्या नाजमीन खान का स्थानांतरण जुन्नारदेव शासकीय कन्या मे हुआ पर नाजमीन खान द्वारा घाना उमरी मे नवनियुक्त प्राचार्य को अभी तक प्रभार नहीं दिया गया और जब नाजमीन खान को कन्या परिसर का प्राचार्य बनाया गया तो वित्तीय प्रभार ,AD उमेश सातंकर ने क्यों रखा? जबकि माननीय न्यायालय के आदेश के पुर्व ही जो आदेश अभी जारी हुआ है वही आदेश पहले ही जारी हो चुका था।

AC मरकाम जो कि मुक़दसक बने हुए हैं और AD साहब कलेक्टर महोदया को चलेंज कर रहे हैं शिकायतों का निराकरण नहीं करना यही साबित करता है कि हरियाली खूब बरस रही है? छिंदवाड़ा ac,ट्रैवल विभाग बना लापरवाही का कार्यालय। अभी तक निर्मला बेले पर फ़र्ज़ी प्रमोशन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। लाखो की हेराफेरी घाना उमरी संकुल मे हुई, फ़र्ज़ी अतिथि भर्ती का भी जवाब नहीं आया।

बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है अधिकारियों द्वारा मनमर्ज़ी की जा रही हैं। नाजमीन खान जबसे शासकीय कन्या शाला की प्राचार्या बनी तबसे शाला में उपस्थित नहीं रही। घर बैठे ही पेमेंट ले रही है। घाना उमरी मे भी यही हाल था। महीनों से शाला नहीं जाना और 2021 मे कुछ अतिथि शिक्षक एकदिन शाला में उपस्थित नहीं रहे। परतुं पेमेंट हर माह की निकली इन दोनों विभाग की कलेक्टर महोदया से जांच कराई जाए।

उक्त मामले में
पत्रकार मनोज डोंगरे द्वारा
शिक्षा विभाग के A C और जनजातीय विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया लेकिन कोई संतुष्टि पुर्वक जवाब नहीं आया।

संवाद;
मनोज डोंगरे

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