गुजरात दंगे के आरोप में P.M नरेंद्र मोदी को मिली क्लीन चिट के ख़िलाफ़ 14 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई ! क्या पीड़िता को मिल पायेगा इंसाफ ?

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रिपोर्टर:-

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत की सर्वोच्च अदालत ने गुजरात दंगा मामले में उस राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के ख़िलाफ़ दिवंगत सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री की याचिका पर सुनवाई के लिए 14 अप्रैल की तारीख़ निर्धारित की है।

बता दें कि, वर्ष 2002 में भारत के गुजरात राज्य में हुए दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री ने एसआईटी द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं और नौकरशाहों को क्लीन चिट देने के फ़ैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर सुनवाई इतने बार टल चुकी है।
इसलिए एक तारीख़ लीजिए और यह सुनिश्चित करिए कि सभी मौजूद हों!
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत की सर्वोच्च अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इस मामले की सुनवाई कई बार टल चुकी है और कभी न कभी तो मामले की सुनवाई होगी।

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने मामले की सुनवाई अप्रैल के लिए टाल दी।
इससे पहले ज़किया की वकील ने मामले की सुनवाई टालने और होली की छुट्टी के बाद इस पर सुनवाई का अनुरोध किया था।
ज़किया जाफ़री की वकील अपर्णा भट ने न्यायालय से कहा कि इस मामले में मुद्दा विवादास्पद है।

इस पर जजों की पीठ ने कहा, इस पर सुनवाई इतने बार टल चुकी है,यह जो भी है हमें इस पर किसी न किसी दिन सुनवाई करनी ही है।
एक तारीख़ लीजिए और यह सुनिश्चित करिए कि सभी मौजूद हों।

ज़किया की वकील ने इससे पहले शीर्ष अदालत से कहा था कि याचिका पर एक नोटिस जारी करने की ज़रूरत है।
क्योंकि यह 27 फरवरी 2002 से मई 2002 तक कथित बड़े षडयंत्र’ से संबंधित हैं।

ज्ञात रहे कि, गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में आग लगाए जाने में 59 लोगों के मारे जाने की घटना के ठीक एक दिन बाद 28 फ़रवरी 2002 को गुलबर्ग सोसाइटी में दंगाईयों के हाथों 68 लोग मारे गए थे।
मारे गए लोगों में पूर्व सांसद एहसान जाफ़री भी शामिल थे।

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