क्या आप जानते है 1938में शुरू किया गया नेशनल हेराल्ड जब बंद हुआ तब केंद्र में किस पार्टी की सरकार थी??

ये तोबहुत लोग जानते हैं 1938 में शुरू किया गया “नेशनल हेराल्ड” जब बंद हुआ तब केन्द्र में कांग्रेस की ही सरकार थी।

साल था 2008.

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस ऐतिहासिक न्यूज़पेपर को आर्थिक कारणों से बंद किया गया था जबकि उस वक्त देश की अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी।
पी पीचिदंबरम वित्त मंत्री थे. 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर यूपीए सरकार ने शिक्षा का बजट 35 हज़ार करोड़ कर दिया था. हम सब खुश थे।

ध्यान दीजिए इधर सिर्फ शिक्षा का बज़ट बढ़ाकर कांग्रेस सरकार ने 35 हज़ार करोड़ रुपये किया था. उधर “नेशनल हेराल्ड” बंद हो रहा था।
कांग्रेस की मुट्ठी में ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी थी लेकिन फिर भी नेशनल हेराल्ड” बंद हो रहा था। नेशनल हेराल्ड” को लूटकर गांधी परिवार को अमीर होना था. क्या इसलिए?

उस परिवार को अमीर होना था जिसके घर से तीन
तीन व्यक्ति पहले ही प्रधानमंत्री हो चुके थे! जिसने 1947 के पहले ही 200 करोड़ की अपनी निजी प्रॉपर्टी देश के नाम लिखवा दी थी, उसे एक पेपर के नाम पर मनी लॉडरिंग करके अमीर होना था।
भ्रष्टाचार की ऐसी कहानी और कहीं मिलेगी? मिल जाए तो बताना ज़रूर।

पत्रकारिता, प्रकाशन से जुड़ा अमूमन हर आदमी जानता है कि 10-12 पेज का अखबार निकालने के लिए डीएवीपी के चार विज्ञापन और चार निजी विज्ञापन (साबुन तेल से लेकर कार और कॉफी के विज्ञापन) ही काफी होते हैं।
लेकिन कांग्रेस नेशनल हेराल्ड के लिए इतना भी नहीं कर पाई।

2004 से लेकर 2014 तक यही मुकेश अंबानी जो आज अडानी से खिसआया हुआ रहता है, साउथ ब्लॉक में एंट्री के लिए रजिस्टर भरा करता था. अंबानी के लिए हजार-पांच सौ करोड़ कोई बड़ी बात है?

कांग्रेस इतनी भ्रष्ट थी, राहुल गांधी इतना अनैतिक थे, गांधी परिवार देश की संपत्ति को लूटकर इतना अमीर होना चाहता था कि अपने अखबार को यूं ही मरने दिया!
ताकि बाद में लूटा जा सके?
ताकि आज अरनब गोस्वामी, सुधीर चौधरी, दीपक चरसिया, अंजना, चित्रा, रूबिका जैसे अपराधी किस्म के अनपढ़ एंकर इस बहाने से नफरत और उन्माद की आग और भड़का सकें?

कॉमन सेंस की बात है. जिसके हाथ में ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी हो, लाखों करोड़ का बजट हो वह हज़ार-पांच सौ करोड़ की डील करेगा?

यह दौर और यह मुल्क इतना इतना पतित होगा – अंदाजा नहीं था।

SHARE THIS

RELATED ARTICLES

LEAVE COMMENT