कैसी होगी जन्नत की हूर जिसकी क्या है असलियत?
एडमिन
जन्नत की हूर ,
हमारे उलेमाओं ने हमारे सामने हूर को कुछ इस तरह से पेश किया है जैसे वो कोई भोग वस्तु हो, लुत्फ़ अंदोज़ होने का सामान हो,
ऐसे ऐसे बयान दे डाले,
किताबों में ऐसी ऐसी बात लिख डाली कि पढ़ कर सुन कर रोम रोम फड़क उठे!
जन्नत की हूर ऐसी होंगी वैसी होंगी, निहायत खूबसूरत होंगी,
उनकी उंगलियां ऐसी होंगी उनके पैर ऐसे होंगे, सत्तर फिट लम्बी होंगी, अब ये नाप कैसे लिया,
वहाँ फिट का पैमाना होगा भी या नही , पर बयान इस तरह करते हैं जैसे ख़ुद देख कर आए हों।
कभी अज़ान देने पर कभी शहीद होने पर इतनी उतनी हूरें गिफ्ट में मिलेंगी, जैसे कोई सामान हो।
आमतौर से दुनिया मे पुरूष प्रधान समाज की मेंटालिटी औरतों को सेक्सुअल ऑब्जेक्ट समझती है,
यौन अपराधो से ये बात साबित है , समाज मे वही चीज़ें रिफ्लेक्ट होती है,
जैसी हमारी सोच होती है, जब जन्नत की ज़िंदगी का हम तस्व्वुर करते हैं तो उसको भी दुनयावी पैमाने से देखते हैं,
जो चीजें हमे पसंद हैं या जो भी हमारी ख्वाहिशें हैं हम ये मानकर चलते हैं कि ये सब जन्नत में मिल जाएगा,
पर हम भूल जाते हैं दुनिया मे हर चीज़ की एक हद मुकर्रर है पर जन्नत में ऐसी कोई बाउंडेशन नही।
यानि हमारी सोच से परे है , दुनियावी ऐतबार से जन्नत का नक़्शा खींचना निहायत अहमकाना बात है,
दुनिया मे जिस चीज़ की हमे ख्वाहिश हो, हो सकता है जन्नत में मिलने वाली चीज़ के मुकाबले में उसकी कोई हैसियत ही ना हो,
अब जानते हैं हूर है क्या,
हूर कोई अलग मखलूक या कोई स्पेशल प्रजाति नही बल्कि इसी दुनिया की जन्नती औरतें हैं।
चूंकि हम सबको जब दुबारा ज़िन्दा किया जाएगा तो हमको दुबारा जिस्म दिया जाएगा ,”
हूर” एक इस्तेलाह एक टर्म है खूबसूरती बयान करने के लिए जैसे हम दुनिया मे कुछ लफ्ज़ इस्तेमाल करते हैं गोरियां ,सुंदरियां वगैरह वगैरह ।
हूर”एक ऐसा टर्म है जिसकी मिसाल दुनिया की खूबसूरत से खूबसूरत औरत से नही दी जा सकती, मतलब दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत से हज़ारों लाखों गुना ज़्यादा खूबसूरत,
दुनिया का कोई ऐसा मियां बीवी का जोड़ा अगर दोंनो जन्नती हों,
तो इसका मतलब मर्द को मिलने वाली “हूर” और कोई नही उसकी बीवी ही होगी, सिर्फ़ बीवी ही नही आपके वो अहबाब जो जन्नती होंगे वो सब साथ होंगें,
अब दूसरी सिचुएशन ऐसी भी होगी कि किसी का शौहर जहन्नमी होगा तो किसी की बीवी जहन्नमी,
ऐसो का जोड़ा वहाँ अल्लाह पाक बना देगा यानि जो नेक मर्द औरत होंगे उनके बीच,
हमको चाहिए ना सिर्फ़ ख़ुद की बल्कि अपने अहलो अयाल अपने अहबाब और दोस्तों की भी फ़िक़्र करे कि वो भी जन्नत में हमारे साथ हों ।