काश ओ अरब का शेर इस दौर में होता ?

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रिपोर्टर.

सद्दाम हुसैन एक मर्तबा रात को इराक़ की सरहदों पर गश्त कर रहे थे।
बहुत दूर एक बस्ती नज़र आई, सद्दाम ने अपने साथियों से कहा कि उस बस्ती में चलते हैं लोगों की खबर गीरी लेते हैं तो साथियों ने मना किया कि रात काफी हो चुकी है।

सद्दाम ने फिर असरार किया तो चले गए , बस्ती में पहुंचे तो एक घर मे दस्तक दी तो एक बंदा आया सद्दाम को देखते ही हैरान हो गया, सद्दाम के हाथ चूमने लगा, खुशी के मारे आंखों में आंसू आ गए , यूं एक घर से मुहल्ला और बात पूरे इलाके में पहुंच गई पूरा इलाका जमा हो गया , लोग सद्दाम हुसैन से मुसाफाह करते और खुशी से झूम जाते, सद्दाम ने कहा कि आप लोगों को कोई तकलीफ दुःख परेशानी तो नहीं है, लोगों ने कहा बहुत खुश हैं हम किसी किस्म की तकलीफ नहीं , सद्दाम ने कहा बस मेरे लिए दुआओं की दरख्वास्त है , जब तक मैं जाग रहा हूँ ,उस वक़्त तक चैन से सोते रहो , जब मैं चला गया तो तुम कभी सो नहीं पाओगे।

तारीख गवाह है सद्दाम जिंदा थे तो इराक़ की बेटी भी महफूज़ थी ,शाम की बेटी भी महफूज़ थी , यमन की बेटी भी, यूं समझे कि पूरा अरब सुकून कि नींद सोता और सुकून की नींद उठता , अचानक अरब ने यूरोप का साथ दिया सद्दाम को तनहा कर दिया, अमेरिका ने इराक पर चढ़ाई कर दी यूं सद्दाम हुसैन तख्ता दार पर लटक गये। सद्दाम को फांसी दे दी गयी।

वह दिन और आज का दिन मुसलमानों की नसल कुशी शरू है। पहले इराक़ पर और अब शाम पर जुल्म बरबरियत जारी है।
तारीख गवाह है जबतक सद्दाम ज़िंदा थे उस वक़्त तक अरब में कोई दहशत गर्दी नहीं थी क्योंकि अरब के मुजाहिद सद्दाम हुसैन थे।

आज शाम जल रहा है।

सऊदी के गिरते हालात यमन में बगावत फलस्तीन में ज़ुल्म जहां देखो मुसलमानों पर जुल्म व जबर का एक तूफान बरपा किया हुआ है खून की नदियां बहाई जा रही हैं
वाहिद मुल्क टर्की है। जिसने कुर्दों के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है।

अल्लाह टर्की को फतह नसीब फरमाये ,अरब की धरती पर अगर गौर किया जाए तो वाहिद एक मुजाहिद और आखरी उम्मीद तैय्यब योर्दगान ही नज़र आते है जो खुद इन यहूदियों के जाल में उलझे हुए है फिर भी हर मुमकिन दुश्मने इस्लाम से आंखे मिला कर खड़े नज़र आते है।

तैय्यब योर्दगान को अल्लाह उमरे दराज़ नसीब फरमाये,
अल्लाह उनहे ज़िन्दगी और दुश्मन के साज़िशों से उनकी हिफाज़त फरमाये, आमीन।
आओ रो रो कर गिड़गिड़ा कर अल्लाह से यह दुआ मांगते है।
या अल्लाह हमने सुना था कि क़ौमे आद पर अज़ाब आया क़ौमे स्मूद पर अज़ाब आया। क़ौमे शोएब पर अज़ाब आया क़ौमे लूत पर अज़ाब आया ।

या अल्लाह आज तेरे नबी स० के सहाबा इकराम की औलाद पर जुल्म व तशद्दुद के पहाड़ तोड़े जा रहे हैं , या अल्लाह तू ने फ़िरऔन को ग़र्क़ किया।

या अल्लाह तूने क़ारून को ग़र्क़ किया या अल्लाह तूने नमरूद को ग़र्क़ किया ।
या अल्लाह तू आज हम मज़लूमो की भी फरियाद सुन ले। या अल्लाह तू इन ज़ालिमों को तबाह व बर्बाद फ़रमा।
या अल्लाह तू सीरिया के मुजाहिदीनों और मुसलमानों की मदद फ़रमा… आमीन !

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