आज मध्यरात्रि में जुनारदेव में लगेगा भूतों का मेला, पण्डो और पड़िहारो के मन्त्रोच्चार पर झूमेंगे-नाचेंगे सारे भूत,मध्यरात्रि में क्या कुछ होगा ? जानने के लिए इस खबर को ज़रूर पढ़े !

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रिपोर्ट :मेहमूद शेख.

जुन्नरदेव के रामलीला में पाताल नरेश अहिरावण के दरबार में लगेगा भूतों का मेला.रात का अंतिम प्रहर.घना काला अन्धेरा !जलती हुई मद्विम आग और उठता हुआ घना काला धुआं !

श्वेत और श्याम रंग के हिलते-डुलते नाचते-गाते भूत.!
चीत्कारें करती वह तड़पती आत्माये।
हवन कुंड के सामने हाथो में झाड़ू ले भूतों का आव्हान करते हुए पंडे और पड़िहार।

इन सब से दूर कहीं पीछे हाथों में त्रिशूल लिए और लपलपाती हुई सुर्ख़ लाल जीभ निकालती हुई हिलती-डुलती हुई मां निकुंभला देवी!

यह दृश्य यदि किसी सामान्य व्यक्ति को मध्य रात्रि में सहसा ही दिख जाए तो वह निश्चित ही अपने पसीने छोड़ ही देगा।

आज रात में ही कुछ ऐसा ही घटित होने जा रहा है।
नगर के श्री रामलीला मंच पर जब लंकाधिपति रावण पुत्र पाताल नरेश अहिरावण के द्वारा विभीषण का छद्म रूप धरकर दशरथ के पुत्र राम और लक्ष्मण का अपहरण कर पाताल में ले जाकर उनकी बली अपनी कुलदेवी मां निकुंभला देवी के दरबार में चढ़ाइ जाने का प्रयत्न किया जाता है।

लेकिन कुछ ही देर के बाद यहां अजीब सा सन्नाटा छा जाता है ।

और मां निकुंभला देवी पर कोई और सवार हो जाता है और इसके आगे फिर क्या होता है ?
इस लीला का आगे का मंचन आज मध्यरात्रि 3 बजे स्थानीय श्री रामलीला मंच जुन्नारदेव पर दिखाई जावेगी।

श्री तुलसीकृत श्री रामचरित्रमानस में उल्लेखित इस एक प्रसंग पर आधारित इस लीला पर दर्शक अपनी सांसे रोक लेने पर मजबूर हो जाते है !

भूतों के इस दरबार में कराहती आवाजे और झूमते गाते भूतों को देखकर लोग अचंभित और रोमांचित हो उठते हैं!
यही वजह है कि आज दशहरे की रात 11 बजे से प्रारंभ होने वाली श्री रामलीला का मंचन कल अलसुबह 6 बजे तक अनवरत रूप से किया जाएगा।
आज रात्रि में भी स्थानीय श्री रामलीला मंच पर यह फिर दोहराया जाएगा !

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