अल्लाह को सबसे ज़्यादा कुर्बानी पसंद है क्यों?

bakra-eid-festival-5

सिंगोडी मे पढी गई ईदुलजुहा की नमाज

हिंदुस्तान की अमन  चैन सुकून मुल्क की तरक्की के लिए दुआ मांगी गई

मुसलमानों के धर्मगुरु ने बताया मुसलमानों पर पांच अरकान फर्ज हैं,जिनमें से कुर्बानी अल्लाह को बेहद पसंद है।

इस्लाम धर्म में मुसलमानों पर पांच अरकान फर्ज हैं पहला नमाज दूसरा रोजा तीसरा जकात चोथा कुर्बानी पांचबाँ हज है।

इस्लाम धर्म में हजरत इब्राहीम अलैह सलाम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल अलैह सलाम की कुर्बानी अल्लाह को पेश की, हजरत इब्राहीम की यह सुन्नत अल्लाह तआला को इतनी पसन्द आई कि अल्लाह ने इसे सभी साहिबे निसाब (हैसियत वालों) पर फर्ज कर दिया।

तभी से इस्लाम धर्म के मानने वाले इस्लामिक चांद के महीने  (जिलहिज्जा) के मुताबिक दसबीं तारीख को ईदुलजुहा के दिन कुर्बानी करते हैं। बैसे तो कुर्बानी तीन दिन तक की जाती है ।जो चांद की दसबीं, ग्यारबीं, बारबीं तारीख में होती हैं।

इस्लाम धर्म के मुताबिक एक दिन हजरत इब्राहीम अलैह सलाम को ख्वाव हुआ कि तू मेरी राह में  सबसे अजीज की कुर्बानी दे तो उन्हों ने सुबह को सौ ऊँट कुर्बान कर दिये,दूसरे दिन वही ख्वाव फिर हुआ तो सौ उट फिर से कुर्बान कर दिये तीसरी मर्तबा ख्वाव हुआ की ये इब्राहीम खलीलुल्लाह तू मेरी राह में तुझे सबसे अजीज हो वह कुर्बान कर, तो सुबह को उठकर इब्राहीम ने सोचा कि सबसे अजीज तो ओलाद है और अपने बेटे इस्माइल अलैह सलाम को अल्लाह की राह में कुर्बान  करने के लिये साथ में छुरी और रस्सी को लेकर चल दिये कुछ दूरी पर इस्माईल अलैह सलाम को शैतान ने बरगलाते हुये कहां कि तेरे पिता तुझे कत्ल करने ले जा रहे है जिस पर इस्माइल ने कहां कि पिता कहीं बेटे का कत्ल करता है तो वह बोला कि यही अल्लाह का हुक्म है जिस पर इस्माईल अलैह सलाम ने शैतान को जबाव दिया कि है यदि रव्वे इलाही का हुक्म तो में बार-बार कुर्बान होने के लिये तैयार हूँ ओर पिता से बोले कि मेरे हाथ पैर कस के बांधना और मूँह को ढकना तथा अपनी आँखों पर पट्टी बांधना जिससे मेरा चेहरा देखकर हे पिदर आपको रहम न आये यैसा ही किया जिसके बाद इस्माईल अलैह सलाम की गर्दन पर छुरी चलाई तो अल्लाह ने उनकी कुर्बानी को कुबूल कर दुम्बे(जानवर) को जुबह किया ओर इस्माईल अलैह सलाम को अलग कर दिया, उनकी कुर्बानी को कुबूल किया। उसी समय से इब्राहीम अलैह की सुन्नत मुसलमानों सभी साहिबे निसाब (हैसियत वालों) पर फर्ज हो गयी।

 

 

SHARE THIS

RELATED ARTICLES

LEAVE COMMENT