हाय हाय री पावर कारपोरेशन उत्तर प्रदेश ,यहां तो उपभोक्ता बिजली संकट की चपेट में परेशान है ऐसे दौर में UPPCL में ये कैसा इंकलाब है?

लखनऊ

संवाददाता

लखनऊ 15 अक्टूबर: देश सहित उ प्र कोयला संकट के चलते सामान्य तौर पर मिलने वाली विद्युत आपूर्ति को बहाल रखने के लिए तीन रुपए यूनिट की बिजली 15 से 20 रूपय के दाम पर खरीद कर प्रदेश की जनता को आपूर्ति करने की व्यवस्था के लिए स्वयं प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेशित किया।
त्योहार के मौसम मे कोयला संकट प्रबन्धन की अनुभवहीनता को दर्शाता है ।
और एक बहुत महत्वपूर्ण बात भी जनता के सामने आती है कि सरकारी बिजलीघरो मे तो कोयले की कमी के कारण बिजलीघरो को बन्द कर दिया गया और निजी बिजली उत्पादन कम्पनियो से मनमाने दामो पर बिजली खरीदी जा रही है।
सूत्र बताते है कि 13 अक्टूबर को ही 63 करोड की बिजली निजी घरानो से खरीद कर जनता को वितरित की गयी है।
अगामी चुनाव को देखते हुए या अपने वादो को पूरा करने के लिए यह सारी कवायद हो रही है क्यो सरकारे अपने नये बिजलीघर स्थापित नही करती ।
क्या सरकार को यह घाटे का सौदा लगता है या फिर भ्रष्टाचार कर बिजली खरीद मे मोटी मलाई ना कट पाने की वजह से नये संयंत्र स्थापित नही किये जा रहे है ।
खैर
एक तरफ कोयले की वजह से त्राही त्राही मची है धडाधड बिजली उत्पादन करने वाले संयंत्र बन्द हो रहे है वही दूसरी तरफ इस उद्योग को चलाने मे महत्वपूर्ण योगदान देने वाले जूनियर इन्जीनियर अपने वेतन मान को बढाने के लिए हडताल पर बैठे है।
वेतन वृद्धि को लेकर हडताल पर बैठे अभियन्ताओ के आगे प्रबन्धन झुकने को तैयार नही है क्यो कि 70% तक विभाग मे प्रमोटी जूनियर इन्जीनियर ही उपखण्ड अधिकारी बने बैठे है दोनो ही पक्ष झुकने को तैयार नही है इसी समय एक खबर हमारे प्रबन्ध सम्पादक महोदय को मिलती है कि इन्ही प्रमोटी जूनियर इन्जीनियरो मे एक रविन्द्र प्रकाश गौतम नामक एक ऐसा इन्जीनियर भी है जो हसारी झासी मे तैनात है।
जिसने इस विद्युत समस्या के निदान के लिए एक सुरभी नाम के प्रोजेक्ट बनाया है परन्तु प्रतिभावान की कहा सुनवाई होगी यहा तो बस वैतन बढाने की लडाई चलती रहती है।
चाहे विभाग लाखो के घाटे मे क्यो ना चल रहा हो वही प्रबन्धन ने भी इस बार ना झुकने का फैसला कर रखा है।
इस बार हडतालीयो को चार्जशीट व दण्डित करने की तैयारी है तो दूसरी तरफ जूनियर इन्जीनियरो ने अपने अपने सरकारी मोबाइलो को बन्द कर सरकारी सिमकार्ड उच्च अधिकारियो को सौप कर हडताल पर बैठे है।
इस संकट काल में विभाग के जूनियर इंजीनियर संगठन द्वारा पूरे भारत के मानकों को रौदते हुए 8700 के पेय ग्रेड दिए जाने के नाम पर आंदोलन 15 वे दिन भी जारी रहना यह प्रदेश सरकार और उपभोक्ता हित मे नही माना जा सकता।
आखिर यह विभागीय संगठन का गठन UPPCL के हितों की एवं प्रदेश के उपभोक्ताओं की सेवा के लिए इसका गठन किया गया या केवल अपने हितों के लिए यह सवाल आज जानकारों की जुबा पर है वैसे जानकारों का कहना है कि UPPCL द्वारा जो सैलरी जूनियर इंजीनियर को उ प्र में दी जा रही है।
सूत्र बताते है कि शायद इतनी शैलरी पूरे देश मे कहि नही मिलती उसके बावजूद भी अपनी वेतन वृद्धि के लिए हडताल करना कहा तक सही यह इसका फैसला अब पाठक ही करेगे । खैर
युद्ध अभी शेष है ।
साभार
अविजित आनन्द।

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