सरकारी महकमा बेसुध सरकारी डाक्टर डाकू कल्लू नज्जू से भी आगे ?क्या कुछ है मामला जाने !

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रिपोर्टर.

जरियनपुर में करोड़ों की लागत से बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बन गया है लूट का अड्डा  ।

आज के दौर में भगवान् माने जाने बाले डाक्टर अब डाकू कल्लू नज्जू से भी आगे निकल गये है !

डाकू कल्लू नज्जू जैसे डाकुओं ने कम से कम गरीबों को तो परेशान नही किया था और न ही गरीबों को लूटा था।

लेकिन कटरी क्षेत्र में खुले सरकारी अस्पताल के डाक्टर और उनके स्टाफ खुलेआम गरीबों का खून चूस चूस रहे है ?

इन डाक्टरों से बढ़िया कटरी क्षेत्र के वह डाकू पोथी ,छविराम, कल्लू ,नज्जू थे जिन्होंने कम से कम रईसों को लूटा था!

लेकिन सरकारी अस्पतालो मेंं जहाँ गरीब जनता ही दवा लेने आती है इन अस्पतालों में तैनात डाक्टर तथा सटाफ गरीबों का शोषण कर खुलेआम लूट रहे है विरोध करने पर उन लोगो के साथ अभद्रता की जाती है !

 

बताते  है    क़ि  कल कई लोगो की शिकायत के बाद जरियनपुर स्वास्थ्य केंद्र गये थे अस्पताल में एक फार्मासिस्ट के अलावा कोई डाक्टर मौजूद नही थे।

एक घंटे वहां पर रुके एक घंटे में अनेक मरीज दवा लेने के लिए आये हुए थे लेकिन सभी मरीज डाक्टरों को गरिया कर मायूस होकर वापस लौट गए ।

इस अस्पताल में सबसे ज्यादा शिकायत प्रसव कराने बाले मरीजों की थी

अस्पताल में तैनात डा. आसिफ खां की शह पर संविदा पर तैनात डा संजय व् नर्स कल्पना ,गुड्डी प्रसव के लिए आने बाली महिलाओं के परिजनों से प्रसव के नाम पर 2 हजार से 3 हजार रूपये की व्सूली करते है

और जो गरीब इनको सुविधा शुल्क नही दे पाते उनके साथ यह लोग अभद्र व्यवहार व् गाली गलौज करते है ?

यहाँ पर सभी का अपना अपना रेट तय है गॉव की आशा कार्यकर्ती सबसे पहले अपना रेट तय करती है इसके बाद 102 एम्बुलेंस को बुलबाती है मरीज को ले जाने के 300 रुपया तथा बापस लाने के नाम पर दो सौ रूपये की वसूली एम्बुलेंस लेती है !

इसके बाद मरीज को भर्ती करने के बाद से ही शोषण शुरू होता है स्वीपर से लेकर डाक्टर तक डाकुओं की तरह मरीज के परिजन पर टूट पड़ते है!

इनके शिकार हुए एक पीड़ित सर्वेन्द्र कुमार निवासी तलाहिईया  पोस्ट भौती ने बताया दिनांक 21 मार्च 2017 को उसकी पत्नी को श्रीमती सर्वेश कुमारी को प्रसव का दर्द उठा।

उसने गॉव की आशा कार्यकर्ती राम धनी को सुचना दी आशा के साथ 102 एम्बुलेंस से वह अपनी पत्नी को जरियानपुर स्वास्थ्य केंद्र पर ले गया।

वहां ले जाने के एम्बुलेंस चालक ने 300 रूपये ले लिए जब अस्पताल में भर्ती कराया तो डा संजय सुविधा शुल्क के कारण इधर उधर की बाते करते रहे ।

बाद में आधा प्रसव हो जाने के बाद

नर्स कल्पना व् डा संजय ने कहा कि प्रसव कठिन है इस लिए 5 हजार रूपये खर्च करने पड़ेंगे जब उसने कहा कि  ओ बहुत गरीब है उसके पास पांच हजार रुपये नही है तब यह लोग उससे गाली गलौज करने लगे बाद में तीन हजार लेने के बाद प्रसव करवाया।

इस दौरान खिसियाकर उन लोगो ने लापरवाही से प्रसव करवाया जिससे उसके बच्चे के सर में चोट ,तथा हाँथ में चोट व् दिमाग में सूजन आ गयी ।

बाद में गाली गलौज करते हुए दो घंटे बाद छुट्टी कर दी एम्बुलेंस चालक ने घर छोड़ने के नाम पर 200 रूपये और ले लिए । और बच्चे की हालत खराब देखकर उसने बच्चे को जलालाबाद में डा अभिषेक अग्रवाल के यहाँ भर्ती करवाया।

जिससे उनका 20 हजार रुपया खर्च हो गया , यह तो मात्र एक बानगी है कि सरकारी अस्पताल के डाक्टर किस कदर शोषण करते है ?

इनके अलावा भी कई अन्य लोगो की शिकायत है कि उन लोगो के बच्चो को प्रसव के दौरान मार दिया गया केवल सुबिधा शुल्क न मिलने के कारण?

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