शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने कोरोना वायरस को लेकर जो विवादित बयान दिया है,ठीक है ऐसे में वह अगर कोरोना से मरेगा तो सब से पहले उसकी लाश को दफनाने के बजाय क्यो न जला दिया जाये ?
रिपोर्टर:-
हाल ही में कोरोना वायरस को लेकर उत्तर प्रदेश शिया वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने एक विवादित बयान दिया था कि अगर उनकी मौत कोरोना वायरस से होती है, तो उन्हें दफ़न करने के बजाए, जला दिया जाए।
इस बीच सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को रिज़वी को सांस लेने में तकलीफ़ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लखनऊ में अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि वसीम रिज़वी में कोरोना वायरस के लक्षण देखे जा रहे हैं, इसीलिए जांच के लिए सैम्पल भी ले लिया गया है।
मीडिया में आने वाली ख़बरों के अनुसार, उत्तर प्रदेश वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष अभी हाल ही में दुबई की यात्रा से लौटे हैं।
वसीम रिज़वी अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं और जब से केन्द्र में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी है वे लगातार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समर्थन और मुस्लिम विरोधी बयान दे रहे हैं।
जानकार लोगों का कहना है कि वक़्फ़ बोर्ड में बड़े पैमाने पर धांधली की जांच से बचने के लिए वे योगी और मोदी सरकार को ख़ुश करने के लिए इस तरह के विवादित बयान देते रहे हैं।
कोरोना वायरस से मरने वाले ग़ैर हिंदू भारतीय नागरिकों को भी जलाए जाने की बात कहकर उन्होंने करोड़ों भारतीय मुसलमानों और ईसाईयों के दिलों को ठेस पहुंचाई थी, जो अपने मुर्दों को जलाने के बजाए दफ़नाते हैं।
अब वसीम रिज़वी की कोरोना जांच की रिपोर्ट के नतीजे का इंतेज़ार है।
ऐसे में इस तरह की विवादित बयानबाज़ी करनेवाला गर चे कोरोना की चपेट में आकर मर गया तो यकीनन ऐसे मृतक व्यक्ति को तो सब से पहले दफना ने के बजाय जला देण्या चाहिए यही सब से बेहतर होगा!